सेनेटरी नैपकिन (sanitary napkin) एक ऐसे वस्तु हैं जो महिलाओं की स्वच्छता के लिए आवश्यक हैं. कुछ वर्षों पहले तक महिलाओं के मासिक धर्म के विषय में बात करना भी गलत समझा जाता था, लेकिन अब तमाम वर्जनाये टूट रही हैं. और महिलाओं से जुड़े इस पहलु पर व सेनेटरी नैपकिन्स पर भी बात करना जरूरी समझा जा रहा हैं. मासिक धर्म के समय महिलाओं को अपनी स्व्च्छता का विशेष रूप से ध्यान रखना होता हैं. जिसमें सेनेटरी नैपकिन्स (sanitary napkin) मुख्य भूमिका निभाते हैं.
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कम से कम दो से तीन सेनेटरी नैपकिन्स (sanitary napkin) की आवश्यकता प्रतिदिन होती हैं. लिहाजा लगभग 15 नैपकिन्स (sanitary napkin) एक महीने में यूज़ हो जाते हैं. शहरों में अधिकतर महिलाऐं सेनेटरी नैपकिनका उपयोग करती हैं लेकिन गाँव में अभी तक महिलाऐं इस सुविधा से वंचित हैं. इसका एक कारण ग्रामीण क्षेत्रो तक सेनेटरी पैड न पहुचंना व सेनेटरी नैपकिनका अधिक महंगा होना हैं. हालाँकि अब इस दिशा में तेजी से काम चल रहा हैं. बहुत से संगठन सेनेटरी नैपकिन को टैक्स फ्री करने के लिए भी मुहीम चलाई हुआ हैं जिससे की निकट भविष्य में सेनेटरी नैपकिन्स (sanitary napkin) के दामों में भी गिरावट आने की संभावना हैं.
इन सभी बातो का ध्यान रखते हुए ये कहा जा सकता हैं कि इस बिज़नस में काफी संभावनाएं हैं. नया बिज़नस स्टार्ट करने के लिए सेनेटरी नैपकिन (sanitary napkin) का बिज़नस काफी फायदेमंद साबित हो सकता हैं.
कैसी हैं सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) मैन्युफैक्चरिंग बिज़नस में संभवानाएं
भारत में महिलाओं की हाईजीन (स्वच्छता) से जुड़े उत्पादों की मार्किट में सबसे अधिक ग्रोथ हैं जोकि समय के साथ और बढ़ेगी. इसका एक कारण हैं कि भारत में अभी तक महिलाओं के स्वास्थ्य व उनकी स्वच्छता से जुडी बातो को अधिक महत्व नहीं दिया जाता था |लेकिन अब समय बदल रहा हैं.
सेनेटरी नैपकिन (sanitary napkin) की डिमांड में सबसे अधिक तेजी आ रही हैं. ऐसा इसलिए हो रहा हैं कि भारत में तेजी से मध्यमवर्गीय परिवारो (Middle class family )की संख्या में बढ़ोतरी हो रहे है. अधिक महिलाऐं शिक्षित हो रहे हैं व जागरूक भी जिससे सैनिटरी नैपकिनके विषय में व उनके लाभ के विषय में महिलाऐं जागरूक हो रही हैं व इन्हें अपना रही हैं. अतः हम कह सकते हैं कि सेनेटरी नैपकिन की डिमांड भी आने वाले वक़्त में बढ़ेगी जिससे इस बिज़नस से जुडी कमाई भी बढ़ेगी ही.
सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) मैन्युफैक्चरिंग बिज़नस लगाने से पहले जाने ये जरूरी बातें
सामान्यतया सेनेटरी नैपकिन (sanitary napkin) बनाने का प्रोजेक्ट लगाना काफी खर्चीला हो सकता हैं. अधिकांश बड़े ब्रांड काफी अच्छी, महंगी व इम्पोर्टेड मशीन से सेनेटरी नैपकिन बनाने का प्रोसेस चलाते हैं. ऐसी मशीनो से बने प्रोडक्ट यानि सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) की क्वालिटी काफी उम्दा होती हैं. लकिन अब कुछ भारतीय ब्रांड की कंपनियां भी सेनेटरी नैपकिन बनाने की मशीन बनाने लगी हैं. इन मशीनो का मूल्य काफी अधिक नहीं होता हैं जिससे आप अपना सेनेटरी नैपकिन मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing )बिज़नस आसानी से शुरू कर सकते हैं.
किसी भी बिज़नस को शुरू करने से पहले उसके विषय में सभी जानकारी हासिल कर लें. आपके पास एक ऐसा व्यक्ति हो जिसने कि पहले सेनेटरी नैपकिन (sanitary napkin) मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing) बिज़नस में काम किया हो व इस बिज़नस से जुडी काफी जानकारी रखता हो तो आपके बिज़नस के लिए बेहतर होगा.
कैसे करें सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) मैन्युफैक्चरिंग बिज़नस शुरू करने की तैयारी
सेनेटरी नैपकिन के बिज़नस को शुरू करने से पहले आपके पास एक बिज़नस प्लान भी तैयार होना जरूरी हैं. आपके डिटेल्ड बिज़नस प्लान की सहायता से आपको अपना बिज़नस सेट करने के लिए बैंक से लोन लेने में भी आसानी होगी. अपना बिज़नस प्लान करते समय जिस पहली चीज की आपको जानकारी होनी जरूरी हैं वो हैं नैपकिन बनाने की मशीनरी की कीमत. जैसा कि हमने कहा इम्पोर्टेड मशीन काफी महंगी होती हैं व भारत में बनी मशीन कम मूल्य पर उपलब्ध हो जाती हैं. इसके साथ ही आपको कच्चे माल (Raw Material )के मूल्य व आपके बिज़नस के लिए आवश्यक स्टाफ की भी प्लानिंग बिज़नस शुरू करने से पहले ही कर लेना बेहतर हैं.
कैसे करें सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) मैन्युफैक्चरिंग बिज़नस का रजिस्ट्रेशन
सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट खोलने के लिए केवल काफी लाइसेंस की आवश्यकता होगी. इसके लिए अपने राज्य सरकार द्वारा दिए गये निर्देशों की जानकारी अवश्य कर लें.आपको लोकल अथॉरिटी से ट्रेड लाइसेंस की आवश्यकता होगी. साथ ही टैक्स दायित्व के अंतर्गत GST अथवा VAT में भी अपना रजिस्ट्रेशन करा लें. अगर आप अपनी फर्म को अपने नाम पर रजिस्टर न करा कर अपनी फर्म के नाम पर ही रजिस्टर कराएँ तो ज्यादा बेहतर होगा. सेनेटरी नैपकिन्स की क्वालिटी चेक के लिए BIS (Bureau of Indian Standards) के अंतर्गत भी कम्पनी को रजिस्टर कराना जरूरी हैं. सेनेटरी नैपकिन के बन जाने के बाद राज्य के प्राधिकृत विभाग उत्पाद की क्वालिटी भी चेक करते हैं. महिलाओं की स्वछता से जुदा उत्पाद होने के कारन सभी क्वालिटी मानको पर खरा उतरना भी आवश्यक हैं. इसलिए अपने उत्पाद को मार्किट में निकालने से पहले ही उन्हें क्वालिटी चेक के लिए भेज दे ताकि अगर किसी सुधार की गुंजाईश हो तो आपके प्रोडक्ट की ब्रांड वैल्यू पर कोई फर्क न पड़े.
सेनेटरी नैपकिन प्लांट का सेट उप व आवश्यक मशीनरी
सेनेटरी नैपकिन का प्लांट अगर आन माध्यम स्केल पर लगाना चाहते हैं तप 2000 sq. Ft. का एरिया आपके प्लांट के लिए उपयुक्त होगा. इस एरिया में आप प्रोडक्शन यूनिट , पैकिंग वर्क व ऑफिस के लिए स्पेस निकाल सकते हैं. किसी भी जगह का अपनी प्रोडक्शन यूनिट के रूप में चुनाव करने से पहले वहां अवेलेबल ट्रांसपोर्ट की सुविधा व वहां लेबर की अवैलाबिलिटी (Availability) का भी ध्यान दे. इस उद्योग में लगने वाली सभी मशीन बिजली से चलती हैं इसलिए बिजली की समुचित व्यवस्था का भी होना आवश्यक हैं.
इस उद्योग में आवश्यक मशीनरी कुछ इस प्रकार से हैं.
- Mixer with pulverized
- नैपकिन प्रेस मशीन
- सीलिंग मशीन
- चिपकाने के लिए गम मशीन
- UV treated sterilizer
- पैकिंग के लिए आवश्यक सामान
इस उद्योग (Sanitary Napkin) के लिए कुछ इस प्रकार के कच्चे माल(Raw Material ) की आवश्यकता होती हैं.
- पल्प ( Cellulose Pulp)
- विशेष रूप से तैयार Absorbent Polymer
- Non-Woven फैब्रिक
- Polypropylene बेक शीट के लिए Polypropylene
- Silicon Paper Of 25 Micron (45Gsm)
- Hot Melt सील
- Hot Melt Positioning सील
सेनेटरी नैपकिन (Sanitary Napkin) बनाने के पूरे प्रोसेस में सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात हैं सफाई की.
पैकिंग
आपके प्रोडक्ट की पैकिंग का आकर्षक ( Attractive) होना भी आवश्यक हैं. अधिकतर सेनेटरी नैपकिन्स 8 या 12 के पैकिंग में आते हैं. आप विभिन्न साइज़ के नैपकिन्स भी बना सकते हैं. याद रखें आपके उत्पाद की विशेषता अपनी पच्किन पर जरुर मेंशन करें. साथ ही आपके प्रोडक्ट की मार्केटिंग भी अच्छी होना जरूरी हैं.