पढ़िए एक भारतीय Pharma company के MNC बनने की कहानी

Glenmark आज फार्मा में अपनी अलग पहचान बनाने में सफल हो गया है पर प्रारम्भ से ऐसा नहीं था Glanmark आज जिन ऊंचाइयों को छू रहा है यह सब संभव हुआ; आज 46 वर्षीय glenmark के CEO और GM Glenn Saldanha की बदौलत। 

इनके पिता (Gracias Saldanha) ने अपने दोनों बेटों (Glenn और  Mark) के नाम पर इस कंपनी का नाम Glenmark रखा था जिसकी शुरुवात 1977 में 100,000 रुपए और केवल 3 कर्मचारियों से की थी।

Glenn Saldanha 1998 में Glenmark से जुड़े , Newyork University से अपना MBA पूरा कर और कई साल US की कम्पनियों में काम करने की वजह से Glenn जानते थे के अगर उनको अपनी कंपनी को आगे लेकर जाना है तो कुछ नया दुनिया को देना ही होगा और यही वजह थी के उन्होंने glenmark में Research और Development शुरू किया ।

Company के शुरूवाती दौर में कंपनी की वार्षिक आमदनी 70 करोड़ थी उस समय ये केवल भारत में ही काम करते थे और अपनी बनाई दवाएं बेचते थे ।  पर Glenn दुनिया जितने के इरादे से इस काम में उतरे थे। Glenn ने ठान लिया के Glenmark नई दवाओं की खोज कर अपनी पहचान दुनिया में बनाएगा।  New Chemical Entity रिसर्च में इतना दम था के एक बार की गई investment को कई गुणा बढ़ा कर वापस कर सकता था । 

यह सब शुरू करने के लिए इन्हे आर्थिक रूप से बेहद strong होना था और इसीलिए इन्होने 1999 में  अपने shares को  initial public offering पर रखा।  इस समय पैसा 2 कारणों से बेहद ज़रूरी था पहला कंपनी को नए drugs की खोज में लगाने के लिए बहुत सा पैसा चाहिए था और दूसरा इन्हे पुरी दुनिया से बेहतरीन प्रतिभा को कंपनी में  जोड़ना था।

कामयाबी की शुरुवात का बिगुल 2004 में बजा जब Glenmark द्वारा asthma lead molecule GRC-3886 की खोज को प्रमाणित करने के लिए $190 million में licence लेने के बाद अमेरिका स्थित Forest Labs से  इन्हे $10 million वापस मिले जब इस molecule ने testing का पहला phase पूरा कर लिए और दूसरे phase में चला गया। यह इनकी पहली कामयाबी थी इसके बाद ग्लेंन ने कभी पीछे मूड कर नहीं देखा।

आज भी Glenmark की पूरी सालाना कमाई का 30 -40 % हिस्सा R &D  पर व्यय होता है।  आज Glenmark कितनी NCE के कौन से phase में है ये तो शायद Glenn Saldanha ही आपको सही से बता पाएगे हम केवल इतना ही कह सकते हैं के Glenmark आज Indian Drug research Industry का नेतृत्व कर रहा है।

अपने बेहतरीन काम को आगे बढ़ाने के लिए Glenmark के manufacturing plants भारत में और विश्व के दूसरे देशों में भी हैं। ये सब manufacturing plants केवल WHO द्वारा ही नहीं बल्कि USFDA  और MHRA जैसे विदेशी organizations द्वारा भी approved हैं।

कामयाबी की ऐसी दास्तां हमे लिखने में बेहद मज़ा आया तो सोचिए Glenn Saldanha को इसे पाने में कितना आनंद मिला होगा। आज Glanmark विश्व के 90 से अधिक देंशों में काम कर रहा है। Glenmark में काम करने वाले इतने संतुष्ठ हैं के वे company को छोड़ना नहीं चाहते और इसी बात से आपको यह भी यकीन हो जाना चाहिए के Glenmark आज कितनी कामयाब कंपनी है।

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