वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए टैक्स छूट (Tax) क्लेम की प्रक्रिया में हुआ फेरबदल

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) ने एल टी ए LTA (Leave Travel Allowance) , एल टी सी LTC (Leave Travel Concession ) , एच आर ए HRA (House Rent Allowance ) और हाउस लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर मिलने वाली टैक्स (tax) कटौती को क्लेम करने के लिए एक नए फॉर्म की (Form 12 BB ) शुरवात की है। इस के तहत लोगो को LTA or LTC के क्लेम के लिए अपने यात्रा के ख़र्चों का ब्यौरा देना होगा , और HRA के क्लेम के लिए अपने मकान मालिक (Landlord ) की पूरी जानकारी देनी होगी।

क्यों लाया गया यह कानून :

इस कानून को लाने के पीछे मुख्य कारण , टैक्स में छूट के दौरान क्लेम करने की प्रक्रिया में होने वाली खामियों को दूर करना है और उसे दुरुस्त बनाना है। यह और अधिक महत्वपूर्ण इसलिए भी हो जाता है क्योंकि अभी तक टैक्स प्रक्रिया में इस तरह के छूट प्राप्त करने के लिए कोई भी मानक फॉर्मेट (Standard Format ) नहीं था। 2015 के बजट में , वित्तीय कानून में जोड़े गए सेक्शन 192 (2 D ) के तहत , सभी नियोक्ताओं को कर्मचारियों से टैक्स में छूट को क्लेम करने के लिए आवश्यक दस्तावेज लेने को कहा गया है। पर अभी तक इसका कोई फॉर्मेट नहीं बना था सो यह लागु नहीं हो पाया था।

एम्प्लायर का क्या दायित्व है :

अभी तक नियोक्ता को अपने एम्प्लोयी द्वारा HRA , LTA , LTC आदि के क्लेम से सम्बंधित किसी भी प्रकार के दस्तावेज मांगने की बाध्यता नहीं थी की उनके कर्मचारियों द्वारा इन चीज़ो के लिए वास्तव में कोई राशि ख़र्च की गई है ये नहीं
परन्तु कानून में हुए इस नए सुधार के अंतर्गत सभी नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों को टैक्स में मिलने वाली छूट का लाभ दिलवाने के लिए पेहले उनसे सारी जानकारी और साथ में खर्च किये गए पैसे सम्बंधित सुबूत लेने होंगे।

कर्मचारियों को छूट क्लेम करने के लिए निम्न लिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।

LTA और LTC के क्लेम के लिए :

LTA और LTC के क्लेम के लिए अब कर्मचारियों को अपने यात्रा के खर्च से सम्बंधित सभी दस्तावेज और बोर्डिंग पास, ट्रेवल टिकट्स आदि प्रस्तुत करने होंगे।

HRA के क्लेम के लिए :

सरकार द्वारा जारी की गई नहीं अधिसूचना के अंतर्गत , 1 लाख से अधिक के HRA क्लेम के लिए उस व्यक्ति को अपने मकान मालिक का नाम , पता और PAN नंबर की जानकारी देनी होगी , साथ किराए की रसीद भी देनी होगी। इन दस्तावेजों की मदद से सरकार झूठे क्लेम्स को नकार सकेगी और अगर मकान मालिक अपनी टैक्स डिटेल्स में अगर वो आय नहीं दिखा रहे तो वो पकडे जा सकेंगे।

हाउसिंग लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर छूट के लिए :

हाउसिंग लोन पर दिए जाने वाले ब्याज पर छूट के लिए उस व्यक्ति को ऋण दाता का नाम , पता व् PAN प्रस्तुत करना होगा।

यह नया कानून टैक्स में छूट के लिए मिलने वाले क्लेम की प्रक्रिया को कर्मचारी व नियोक्ता के लिए सुगम बना देगा , अब सभी दस्तावेज एक मानक फॉर्मेट में होंगे , और सरकार के लिए भी सभी जानकारियों को एकत्र करना आसान हो जायेगा।

यह कानून कब लागू होगा
यह कानून 1 जून 2016 से लागू हो जायेगा।

Source : jagoree.com

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