आज के समय में हम सब success चाहते हैं और साथ ही साथ अपने बच्चों को भी भविष्य में successful देखना चाहते हैं। पर क्या आप जानते हैं बच्चों के प्रति आपका व्यवहार और parenting उन्हे कामयाबी से दूर कर सकता है।
स्पश्ट तौर पर आपका कौन सा व्यवहार बच्चों को कैसे प्रभावित करता है यह कहना तो मुश्किल है पर वैज्ञानिकों ने अपनी studies में पाया है के बचपन में कैसा व्यवहार (parenting) पाने वाले बच्चे कामयाब नहीं हो पाते।
अगर आप अपने बच्चों को कामयाब देखना चाहते हैं तो जान लें ये बातें। जो आम तौर पर माँ बाप करते हैं अपने बच्चों के साथ।
1. वे अपने बच्चों को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित नहीं करते :- Studies बताती हैं के वे parents जो अपने बच्चों पर हर तरह से control बनाए रखने की कोशिश करते हैं वे बच्चों को नकारात्मक सोच दे रहे होते हैं। जिसके करण बच्चे कभी भी आत्मनिर्भर नहीं बन पाते । बच्चों को control में रखना सही बात है पर कभी कभी उनमें स्वतंत्र सोच जगाने और उन्हे आत्मनिर्भर बनाने के लिए आज़ादी भी ज़रूरी है। बच्चों को आत्मनिर्भर होने के लिए प्रोत्साहित करना ज़रूरी है studies में पाया गया है के जो बच्चे आत्मनिर्भर होते हैं वे आपसी झगड़ो को स्वयं ही निपटा लेते हैं और उनमें leadership qualities develop होती हैं।
2. वे अपने बच्चों पर चिल्लाते हैं :- गुस्सा करना और चिल्लाना स्वाभाविक क्रिया है पर यदि आप अपने बच्चों के साथ ऐसा कर रहे हैं तो एक बार ज़रूर सोच लें। 2 साल की studies बताती हैं के बच्चों पर चिल्लाना, ऊँची आवाज़ में बात करना उन्हे कोसना या उनके लिए अपशब्द इस्तेमाल करना भविष्य में बच्चों के मानसिक व्यव्हार पर असर डाल सकता है। इसके साथ साथ बच्चे depression का सहकार भी बन सकते हैं। ध्यान रखने वाली बात है के बच्चे आप के ऐसे व्यव्हार की नक़ल करना सिख सकते हैं इसी लिए अपने बच्चों के भविष्य को अच्छा बनाने के लिए अपनी इस आदत को अभी से बदलने का प्रयास करें।
3. वे over controlling होते हैं :- बच्चों की ज़िन्दगी पर माँ बाप का पूरा हक़ बनता है पर कुछ बाते ऐसी होती हैं जहाँ parents को दख़ल नहीं देना चाहिए । बच्चे कुछ काम केवल खुद तक सीमित रखना चाहते हैं और यह अच्छी बात है । parents को चाहिए के वे बच्चों को उनका space दें। ऐसा व्यवहार बच्चों में confidence develop नहीं होने देता। studies के मुताबिक आम तौर पर माँ का व्यवहार बच्चों के लिए over controlling होता है। ऐसा व्यवहार बच्चों में depression पैदा करता है खास तौर पर teenagers में।
4. वे बच्चों को उनके सोने का समय निर्धारित करने देते हैं :- studies बताती हैं के दिन के किसी भी समय सोना या बहुत देर तक सोना मानसिक विकास को कम कर देता है। अपनी दिनचर्या को सुचारू रखने के चलते कई बात parents बच्चों को बेवक़्त सुला देते हैं या ज़्यादा समय तक सोने देते हैं यह सही नहीं है। हम जानते हैं के शिशु के लिए नींद बेहद ज़रूरी है उसकी उसकी शारीरिक और मान्सिक वृद्धि के लिए लेकिन बड़े होने के साथ साथ सोने के समय में परिवर्तन भी इतना ही ज़रूरी है। बेवक़्त सोने से बच्चों में emotional तौर पर समस्याएं पैदा हो सकती हैं। साथ ही वे दूसरों से अलग रहना और कम बात करना जैसे अवगुण भी develop कर सकते हैं।
5. Parents बच्चों को छोटी उम्र से ही टीवी की आदत लगा देते हैं :- बचपन खेलने शरारत करने और मज़ा करने के लिए होता है और यही क्रियाएँ आगे चल कर बच्चों को कामयाब हिने में मदत करती हैं । लेकिन आजकल बच्चों पर नज़र न रखनी पड़े और गर्मी या सर्दी में बाहर न जाना पड़े यही सोच कर माँ बाप बच्चों को TV देखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। लगातार TV देखना बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से कमज़ोर बना देता है। बच्चों का मानसिक विकास इसके चलते या तो रुक जाता है या बंध कर रह जाता है। बोलचाल और व्यव्हार की जो शिक्षा बच्चों को घर के सदस्यों से मिलनी चाहिए वह TV के shows देते हैं। इस से बच्चों में सामाजिक व्यव्हार develop नहीं हो पाता।
6. माँ बाप बच्चों पर दबाव डालते हैं :- पहले कहा जाता था के सबके पास एक सा दिमाग होता है और इसी के चलते parents बच्चों को दूसरे बच्चों से compare करते थे। लेकिन यह prove हो गया है के सबकी सिखने की क्षमता अलग होती है और हर इंसान का दिमाग एक सी परिस्तिथि में अलग व्यव्हार करता है । तो बच्चों को compare करना गलत है। हो सकता है आपका बच्चा पढ़ाई में इतना अच्छा ना हो जितना वो music, sports या dance में है। इसी लिए “तुम्हे class मैं first आना है बस!!” ऐसी उम्मीद बच्चों पर ना थोपिये । जो आप नहीं कर पाए ज़रूरी नहीं आपका बच्चा आपके लिए करे उसकी अपनी कोई इच्छा हो सकती है। आपकी एक इच्छा को पूरा करने के लिए वह कोई गलत तरीका भी अपना सकता है। यदि आपको लगता है आपका बच्चा अव्वल आ सकता है तो उसे आदेश देकर नहीं बल्कि कारण बताकर अव्वल आने को कहें ।
7. Parents अपने बच्चों के साथ रहते हुए cell phone का अधिक प्रयोग करते हैं :- mobile phone पर समय बताते हुए माँ बाप का ध्यान बच्चों पर से हट जाता है और इसके चलते बचाई को parents का attention नहीं मिल पाता ऐसे में attention पाने के लिए बच्चे गलत हरकतें करने लगते हैं। आपातकालीन doctors बताते हैं के बच्चों के साथ होने वाले ज़्यादातर हादसे ध्यान ना दे पाने के चलते होते हैं जिसका एक कारण आज के smart phones माना गया है। आज mobile phones हमारे जीवन का अटूट हिस्सा बन गए हैं लेकिन बच्चों के साथ समय बिताते हुए इनका इस्तेमाल ना करना ही बच्चों को सही पर्वरिश दे सकता है।
8. वे बच्चों से दुरी बनाए रखते हैं/ अपनी भावनाएँ व्यक्त नहीं करते :- बच्चों को बताना के आप उनसे प्यार करते हैं आपको कमज़ोर नहीं बनाता। उन्हें इस बात से अवगत करवाना आपके रिश्ते को और अधिक सेहतमंद और मज़बूत बना देगा। studies बताती हैं के parents का ऐसा व्यवहार बच्चों में पैदा हुई व्यवहारिक समस्याओं को कम कर सकती है।
9. वे बच्चों को सज़ा के तौर पर पिटते हैं :- बबच्चों की पिटाई पर 80 के दशक से studies चल रही हैं और 2000 में हुई studies बताती हैं के बच्चों को सजा के तौर पर पीटना उन्हें आपके against कर देता है । studies बताती हैं के जीन बच्चों की बचपन में बहुत पिटाई हुई थी उनका मानसिक विकास दूसरे बच्चों से कम हुआ था। यही कारण है के बच्चों को मारना कानूनन तौर पर भी अवैध्य कर दिया गया है। बच्चों को सजा देनी अगर ज़रूरी है तो पिटाई के अलावा कोई दूसरी साज़ ढूंढ लें।