भारतीय युवाओं के लिए Shiv Khera के महान विचार

शिव खेरा “सेल्फ हेल्प बुक्स” के जाने माने लेखक है | इन्होने न केवल अनेक बेस्ट सेल्लिंग बुक्स लिखी है बल्कि इनके विचारों ने बहुत लोगों को प्रभावित भी किया है | शिव खेरा ने भारतीय युवाओं को ये 11 सुझाव दिए हैं , जिनकी सहायता से युवा अपने जीवन की दिशा निर्धारित कर सकें |

  1. अपनी परफॉरमेंस पर गर्व महसूस करें :- जो व्यक्ति अपनी परफॉरमेंस या अपने द्वारा किये गए कार्यों पर गर्व करते है, दूसरों से ज्यादा खुद की accountability रखते है | ऐसे व्यक्ति हमेशा सही कार्य करने के लिए उत्सुक होते है | अपनी परफॉरमेंस पर गर्व महसूस करना सीखिए | ऐसे लोगों के लिए “Good is not good enough”.

 

  1. इन्वोल्व हो :- हमेशा याद रखें , अगर आप किसी समस्या का समाधान नही बन सकते तो आप स्वमं एक समस्या है | कुछ लोगों को हमेशा किसी न किसी बात की आलोचना करने की आदत होती है ,उन्हें इस बात से कोई फर्क नही पड़ता कि वो कहाँ है बस उन्हें आलोचना करने से मतलब |

ऐसे लोगों के पास इन problems का कोई solution नहीं होता | अगर आप किसी चीज में इन्वोल्व होकर उसे बेहतर नहीं करना चाहते तो आपको उसकी आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है | “Either get involved or shut up”.

 

  1. हमेशा एक्स्ट्रा efforts लगाए :- अगर आपने सफलतम व्यक्तिओं की जीवनी पढ़ीं होगी तो आप पायेंगे कि उन सभी ने एक ही सिधान्त का अनुसरण किया है और वो है ,”में हमेशा अपनी फॅमिली , अपनी आर्गेनाईजेशन अपने कस्टमर्स व अपनी society खुद को मिलने वाले फल से ज्यादा efforts दूंगा /दूंगी |” यह सिधांत सभी प्रोफेशन पर अप्लाई होता है जैसे : लॉ, एकाउंटेंसी ,मेडिसिन etc.

“Winners always put in extra effort even when it hurts.”

 

  1. अपना मत रखें :- यदि आप ऐतिहासिक लीडर्स के विषय में पढ़े तो पाएंगे कि उनमे से कोई भी कभी neutral नहीं रहा , उन सभी ने हमेशा एक स्टैंड लिया या तो किसी के लिए अथवा किसी के विरोध में | उन लोगों के पास कन्विक्शन था | परेफरेंस व कन्विक्शन में बहुत अंतर होता है | “Under pressure , a preference become weak whereas a conviction becomes stronger”.

 

  1. केन्द्रित रहें :- स्टडीज बताती है कि 5% से कम व्यक्ति ही अपने लक्ष्यों को अपने पास लिखित रूप में रखते है | इसका मतलब ये है कि सिर्फ ये ही वो व्यक्ति है जिन्हें अपनी मंजिल के विषय में क्लेअरली पता होता है | आप खुद ही सोचें कि आप उस मंजिल तक पहुंचे कैसे जिसके विषय में आप जानते ही नहीं |

कल्पना करें कि आप एक फुटबॉल मैच देख रहे है और दोनों ही टीम बहुत अच्छा प्रदशर्न करने के लिए तैयार है और ऐसे समय पर रेफरी गोल पोस्ट मैदान से हटवा दें तो मैच में क्या रहेगा ? कुछ भी नहीं | अगर goal पोस्ट ही नहीं होगा तो आप स्कोर कैसे करेंगे ? “Destination determines directions”.

 

  1. अपने दोस्तों का चुनाव सावधानीपूर्वक करें :- कभी आपने सुना होगा कि “लीडर तो अच्छा है लेकिन उसके सलाहकार बुरे है |” यह वक्तव्य सही नहीं है | आप किसी भी देश के नेता के विषय में पढ़ लें वो सभी अपने सलाहकार खुद चुनते है | हमेशा याद रखें हम जीवन में ऐसे सलाहकार नहीं रखते जिन्हें हम चाहते है अपितु ऐसे व्यक्तियों से सलाह लेतें है जैसे हम खुद है | इसी प्रकार हम ऐसे दोस्तों को नहीं चाहते जैसे हमें चाहिए बल्कि हम ऐसे दोस्त चाहते है जैसे हम खुद है |

हम अपनी तरह के लोगों की और आकर्षित होते है | हम अगले 5 वर्षों में खान होंगे ये दो बातों पर निर्भर करता है एक तो हम कैसी किताबें पढते है व दूसरा हम किस संगती में है | “Today where we are is also the result of the book we read and company we kept in last five years.”

  1. अपनी सेल्फ एस्टीम ऊंची रखें :- सेल्फ एस्टीम का मतलब है कि हम अपने विषय में क्या सोचते है | आपने नोटिस किया है कि एक सुबह आप अच्छे मूड से उठते है आपको दुनिया अच्छी लगती है, आपकी प्रोडक्टिविटी अच्छे रहती है और आपकी रिलेशनशिप भी उस दिन अच्छी रहते है | ये सिर्फ आपकी सेल्फ एस्टीम की बदोलत होता है | सेल्फ एस्टीम आपकी ईगो से इन्वेर्सेली सम्बंधित है |

दो प्रकार की ईगो विनाश का कारण बनतीं है |

इनमे से पहले है मुझे सब आता है टाइप वाली ईगो | इस प्रकार की ईगो रखने वाले व्यक्ति उग्रता का प्रदशर्न करते है , वें दूसरों कि नीचा दिखाने का प्रयास करते रहते है | यह एक दुखद सत्य है कि कुछ लोग दूसरों के बुरा महसूस करने पर अच्छा महसूस करते है |  दुसरें ईगो होती है fragile ईगो ऐसे व्यक्ति प्रत्येक छोटे बड़ी बात को पर्सनली ले लेते है और बुरा मान जाते है | ये दोनों प्रकार की ईगो टीम work के साथ क्या करती है ? ये उसे destroy कर देती है | “ Self esteem is inversely related to egos.”

 

  1. अपना चरित्र बनाए :- यदि आपको कि देख नहीं रहा है , उस समय आप क्या कर रहे है और क्या नहीं ये ही आपका चरित्र है | आपकी reputation व चरित्र (character) में बहुत बड़ा अंतर है | जिसके विषय में दुसरे लोग हमारे विषय में जि सोचते है वो हमारी reputation है जबकि हमारी वास्तविकता हमारा चरित्र है | ये दोनों बिल्कुल ही अलग बातें है | जैसे कुछ लोग सिर्फ इसलिए ईमानदार है कि वो झूट बोलते हुए पकडे जाना नहीं चाहते ऐसे लोग सिर्फ अपनी reputation बना रहे है | वहीँ कुछ लोग इसलियें ईमानदार है क्यूंकि वे जानते है कि ये ही सही है | ऐसे लोग अपना character बना रहे है | “character is something that a person would or would not do even if no one is watching.”

 

  1. Purposefully जियें :- Purpose क्या है ? आपके जीवन का लक्ष्य ही purpose है | purpose को डिफाइन कैसे करेंगे ? कल्पना करें कि आप की आयु आज 100 वर्ष है और आप अपने जीवन की और मुडकर देखते है क्या आपका जीवन accomplished या पूर्ण है ? कहीं कुछ ऐसा तो नहीं रह गया जो आप करना चाहते हो ? ये accomplishment अथवा पूर्णता ही आपके जीवन का purpose है | एक दार्शनिक ने एक बार कहा था कि “मैं कुछ ना करके सफल होने की बजाय कुछ बड़ा करने में असफल होना चाहूँगा |” ऐसी असफलता में भी गर्व की अनुभूति होगी | अपने purpose बड़े रखें इससे आपकी स्पिरिट हमेशा हाई रहेगी | “Shoot for the moon, even if you miss you will become a part of stars.”

10.अपनी दिन की शुरुआत सकारात्मकता से करें :-  आपको अपनी हर सुबह एक पोसिटिव नोट से क्यूँ शुरू करनी चाहिए ? ऐसा इसलिए करें क्यूंकि जिस प्रकार हमारे शरीर को रोज भोजन की जरूरत होती है उसी प्रकार हमारे दिमाग को सकारात्मक सोच की जरूरत होती है | सकारात्मक बने रहना आग जलाने जैसा होता है, यदि आप आग में इंधन नहीं डालेंगे तो वो बुझ जायेगी उसी प्रकार आपके दिमाग को भी  सकारात्मक बने रहने के लिए ऐसी सोच की आवश्यता होती है | Many times you hear the success is tough. My answer is : Try failing and see if that is easy.”

11.अच्छे व्यहार को अपनाए :- एक कम शार्प लेकिन व्यवहारिक व्यक्ति दुसरें अधिक तेज लेकिन अव्यवहारिक व्यक्ति से ज्यादा सफलता प्राप्त करता है | इसलिय आपका व्यवहारिक होना अति आवश्यक है | For people with integrity, courtesy is a way of life.”

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