लिज्जत पापड़ : महिला शक्ति की ऐसी कहानी जो अपने कभी न सुनी होगी

आज तक आप लिज्जत पापड़ को सिर्फ स्वाद के लिए इस्तेमाल करते होंगें पर ये कहानी पढने के बाद आप लिज्जत पापड़ के कायल हो जायेंगे

हम में से हर किसी को rags to rich story बहुत पसंद आती है  , ऐसी ही एक कहानी है  लिज्जत पापड़ की , श्री महिला गृह उद्योग लिज्जत पापड़ की शुरुवात बड़े साधारण तरीके से हुई और आज लिज्जत पापड़ ने आज असाधारण कामयाबी प्राप्त कर ली है

यह कहानी एक बिजनेस की नहीं है ये कहानी है एक संगठन की जो एकरसता समानता और आपसी समझ से कामयाबी के शिखर पर पहुंचा है . जहाँ आज भी पापड़ का उत्पादन उसी पारम्परिक तरीके से होता है जैसा  चार दशक पहले होता था.

लिज्जत पापड़ की कहानी एक ऐसे संगठन की कहानी है जो अपने आप में एक उदाहरन  है , लिज्जत की कहानी आज के युग के Managers के लिए एक मिसाल है  ,कभी 80 रूपये से शुरू हुआ लिज्जत पापड़ ने देश के घर घर में अपनी जगह बना ली है , आज लिज्जत पापड़ का वार्षिक टर्नओवर 315 करोड़ रूपये है .  लिज्जत पापड़ की कामयाबी की सबसे बड़ी वजह है लिज्जत ने पिछले चार दशको से अपने मूल सिद्धांतों को नहीं छोड़ा ,

लिज्जत में इस बात को सुनिश्चित किया जाता है की सारी प्रक्रिया सुचारू रूप से   चले , सभी सदस्यों को अच्छा लाभ प्राप्त हो , साथ जुड़े एजेंट्स को उनका कमिशन सही वक्त पर मिले , ग्राहक को बढ़िया क्वालिटी की चीज़ सही कीमत पर मिले ,और समाज को उनके द्वारा किये गये डोनेशन से लाभ मिले .

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कैसे शुरू हुई लिज्जत पापड़ :-

लिज्जत पापड़ की शुरुवात 15 मार्च 1959 में हुई जब सात महिलाओं ने पापड़ बनाने का काम करने की सोची ,  और उन्होंने 80 रूपये उधार लिए और उन 80 रुपयों से उन्होंने पापड़ बनाने का सामान ख़रीदा और घर की छत पर विश्वप्रसिद्ध लिज्जत पापड़ की शुरुवात की , वो बताती है शुरू में सात महिलाएं थी और पहले दिन उन्होंने जो पापड़ बनाये उसमे से सिर्फ 4 पैकेट ही बढ़िया थे , और धीरे धीरे वो आगे बढ़ते गये , एक हफ्ते बाद वो दो और महिलाओं ने उन्हें ज्वाइन कर लिया और एक महीने में उनकी संख्या बढ़ कर 24 तक हो गयी और पहले वर्ष में उन्होंने 6193 रूपये का व्यापार किया , 1962-63 में इनका सेल्स बढकर 1.82 लाख रूपये थी .

लिज्जत के बारे में कुछ रोचक बातें :-

  1. लिज्जत पापड़ 43000 महिलाओं को रोजगार प्रदान करता है

  2. लिज्जत की शुरुवात 80 रूपये की पूंजी से हुई और इसका वार्षिक टर्नओवर 650 करोड़ है

  3. लिज्जत में सभी को सामान लाभांश दिया जाता है , चाहे वो सीनियर हो या उसने अभी ज्वाइन किया हो .

  4. हर किसी को अपने करियर की शुरुवात पापड़ रोलर से शुरू करनी होती है .

  5. लिज्जत को ज्वाइन करने से पहले सबको एक शपथ पत्र पर ह्श्ताक्षर करने होते है

  6. लिज्जत को यह नाम देने के लिए पहले पंडित से उसकी कुंडली निकाली गयी और बाद में फिर न्यूज़ पेपर में इश्तिहार के जरिये नाम के सुझाव मांगे गये और उसी से लिज्जत नाम पड़ा\"lijjat-4\"

  7. लिज्जत एक गुजराती शब्द है जिसका अर्थ है Tasty (स्वादिष्ट )

  8. 1962 में लिज्जत ने co operative सोसाइटी के रूप में अपना विस्तार किया

  9. 1966 में लिज्जत का सोसाइटी के रूप में  सोसाइटी एक्ट 1960 के अंतर्गत पंजीकरण हुआ

  10. 1980 में लिज्जत ने अपना नामकरण किया और पापड़ से लिज्जत पापड़ बन गया

  11.  1980 में ही लिज्जत ने अपना एक्सपोर्ट शुरू कर दिया

  12.  लिज्जत “ सर्वोदय ‘ के  सिद्धांत  पर काम करता है

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