नोट बंदी के बाद जहाँ आम आदमी कोपैसे निकने के लिए घंटो लाइनों में इन्तजार करना पद रहा है वहीँ रोज़ करोड़ो में नये नोट काले धन के कुबेरों के पास से जब्त किये जा रहें हैं. अपनी बात रखने के लिए यहाँ हम आपके लिए एक फोटो का सन्दर्भ दे रही है. ये फोटो गुरुग्राम के स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की एक ब्रांच की हैं.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित ये फोटो एक बुजुर्ग है जो उस समय रोने लगे जब पैसे निकलने की लाइन में उनकी जगह कोई और आकर खड़ा हो गया. लेकिन मोदी जी के किये गये वायदों में तो ऐसा नहीं था कि देश लाइनों में लगा होगा पर बुजुर्ग इस तरह से रोयेंगे.
यहाँ प्रश्न ये है कि जब देश के अधिकतर लोग मोदी जी के फैसलें के साथ है. नोट भी तेजी से प्रिंट हो रहे है लेकिन नोट एटीएम में न पहुँच कर बड़े बड़े लोगों के घरों में कैसे पहुँच रहे है?
कौन कर रहा है गलती
आपको बता दें कि देशभर में कुछ 40 करोड़ खातों में अवैध लेनदेन हो रहा हैं. हाल ही मैं कुछ खाते फर्जी भी खुलवाएं गये हैं. वेल्लोर, गोवा, दिल्ली में रोज़ ही करोडो रुपैय की नई करेंसी मिल रही है. ये पैसे डायरेक्ट RBI तो इन भ्रष्टाचारीयों तक नहीं पहुंचा रहा. इसका मतलब ये हैं कि बैंक के कुछ लोगो से ऐसे लोगों की साठ गांठ है. जो जनता को मिल सकने वाले पैसों को इन काले धन वालो के हट में दे रहे हैं.
बैंक के अन्दर काम कर रहे कर्मचारी और साथ ही साथ स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से यह सब काम किया जा रहा है. पिछले गेट से बड़े रसूख वाले लोग नई करेंसी ले जाते हैं और सामने वाले गेट पर जनता लाइनों में खड़ी रह जाती हैं. हवाले का पैसा भी बड़े स्तर पर बैंक के बड़े अधिकारी सफ़ेद करने में लगे हुए हैं.
ऐसी भी खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर 500 बैंकों की शाखाओं का स्टिंग ऑपरेशन किया गया है. 400 CDs पीएमओ पहुँच चुकी है. और कुछ बैंक अधिकारी भी जाँच के घेरे में आ गए है लेकिन इन पर कार्यवाही मार्च के बाद ही की जायेगी. बैंक अधिकारियों ने यह धोखा जनता के साथ नहीं बल्कि देश के साथ किया हैं.