सफल करियर (Successful Career) पाने के लिए इन पांच खूबियों को अपनाये.

सफल करियर (Successful Career) हर व्यक्ति की चाह होती हैं. लेकिन सफलता कभी भी आसानी से नहीं मिलती. सफलता प्राप्त करने के लिए केवल मेहनत करना ही जरूरी नहीं हैं. अपनी मेहनत को सही तरीके से प्लान करना भी उतना ही जरूरी हैं. आपको मेहनत तब तक फलीभूत नहीं होगी जन तक कि आप एक सही प्लानिंग के अनुसार उसे नही करेंगे.

शायद इसीलिये हम स्मार्ट वर्क को हार्ड वर्क से अधिक तरजीह देते हैं. केवल हार्ड वर्क तो मेहनती पेशा करने वाले भी करते हो लेकिन क्या आप उनके काम को सफ़ल करियर (Successful Career) का दर्जा दे पायेंगे. नहीं, ना. इसलिए पूरी प्लानिंग के साथ अपने हार्ड वर्क को शेप दें व एक स्मार्ट वर्कर के रूप में खुद की पहचान बनायें.

इसके लिए आपको खुद के भीतर इन चार खूबियों को पैदा करना होगा.

\"सक्सेस\"

उत्सुकता (Curiosity)

बहुत से लोग आजकल एग्जीक्यूटिव कोर्स कर रहे हैं. जिससे की उनके promotion के चांस बढ़ जाएँ. अपने करियर को चमकाने का सबसे अच्छा तरीका हैं कि हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहिये. अपने अंदर सीखने की चाह को कभी खत्म न होने दीजिये. जितना अधिक आप सीख्नेगे उतेने अच्छे आप प्रोफेशनल बनेंगे. आपको अपने भीतर के क्यूँ को कभी चुप नहीं करना हैं. जितना अधिक आपके मन में क्यों का प्रश्न आएगा उतने ही अधिक आप किसी बात या प्रोसेस को जानने के लिए उतावले होंगे.

ऑब्जरवेशन  (Observation)

यदि आप किसी प्रोसेस या बात को जानने के इछुक हैं. तो उसे observe करना शुरू करें. जैसे एक बच्चा अगर किसी चींटी को कुछ ढोता देखता हैं तो उसके पास बैठकर केवल उस चींटी को observe करता हैं. आप खुद की Observation से जो सीखेंगे वो ज्ञान ही वास्तविक होगा. किसी भी चीज़ या बात को observe करने की क्षमता जब आप अपने भीतर पैदा कर लेंगे तो आप का खुद पर विश्वास भी बढेगा. जितना आप observe करने की क्षमता को बढ़ा पायेंगे उतनी ही अधिक आपकी knowledge भी बढ़ेगी. ओए भीड़ में अलग  दिखने के लिए आपका सबसे बड़ा हुनर आपकी knowledge ही हैं.

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 रिफ्लेक्शन (Reflection)

आपकी curiosity ने आपको बातों या प्रोसेस को या फिर अपनी खुद की सोच को observe करना सीखाया. इसके बाद अपनी नॉलेज को खुद भी रेफेलेक्ट होने दें. सही ज्ञान कभी अहंकार नहीं लाता इस बात को भी ध्यान में रखने की जरूरत हैं. अपने ideas को अपनी बातों के द्वारा दूसरों तक पहुचाना इसी reflection से संभव हो पायेगा.

 रिकवरी (Recovering)

सभी कुछ प्लानिंग के हिसाब से हो  ऐसा मुमकिन नहीं. ऐसे में अगर आपकी प्लानिंग गलत हो गयी हो तो उसे पकड़ कर खुद को कोसते रहने से अपने करियर में बहुत पीछे रह जायेंगे. गलत डिसिशन के बाद आने वाले रिजल्ट्स से रिकवरी उतनी ही जरूरी हैं जितनी की किसी नए काम की प्लानिंग. लेकिन दिलचस्प ये हैं कि सबसे मुश्किल काम ये ही लगता हैं. लेकिन तब तक जब तक कि आप खुद पर कण्ट्रोल करना नहीं सीख लेते.

Example

अब हम आपको इन चारो खूबियों को एक उदाहरण की सहायता से समझाने की कोशिश करेंगे. आपने जिओ की सफलता की बात पढी या सुनी होगी. अब सबसे पहले जानने की कोशिश करें (curious) कि कैसे जिओ का प्रोसेस चलता होगा. बिना कस्टमर से पिआसे लिए कंपनी कैसे सभी खर्चे मैनेज कर रही होगी. अब जिओ से जुड़े हर आर्टिकल को पढ़े (Observe). इससे आपको जो नॉलेज मिली उसे खुद की सोच पर reflect होने दें. उससे inspire होकर अपने लिए एक आईडिया प्लान करें. साथ ही ये भी सोह लें कि अगर इस आईडिया ने काम नहीं किया तो आप कैसे रिकवर (recover)करेंगे.

इन पांचों qualities को अगर आप खुद में पाना चाहते हैं तो लेकिन अपने करियर के शुरुआती दौर से अगर आप इन्हें अपनाना शुरू कर देते हैं तो ये तय हैं कि सफलता आपका इंतज़ार कर रही हैं.  और आप एक Successful Career को experience करने के तैयार हैं.

 

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