बाबा रामदेव का नाम पूरी दुनिया में उनकी योग गुरु की छवि के लिए प्रसिद्ध है , पर पतंजलि उत्पादों की प्रसिद्धि उनकी गुणवत्ता और मार्किट में उनकी डिमांड ने बाबा की पतंजलि को बड़ी-बड़ी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिए बड़ी चुनौती बना दिया है , कामयाब होने के लिए सभी में कुछ विशेष गुणों का होना अति आवश्यक है , बाबा रामदेव एक ऐसा उदाहरण है जिनके जीवन में हम सभी के लिए कुछ न कुछ सीख जरूर मिलेगी
योग और अनुशाशन :
योग गुरु रामदेव अपने जीवन में Discipline को बहुत महत्व देते है , वो सुबह 3 बजे उठ जाते है और दिन में 17 -18 घंटे काम करते है , जीवन में अगर बढ़त बनानी है तो हम सुबह जल्दी उठना चाहिए और अपनी जीवन की दिनचर्या को अनुशाषित करना चाहिए। उन्हें इतना काम करने के बाद भी थकावट महसूस नहीं होती , यह सब योग का कमाल है , हमे प्रातः जल्दी उठकर थोड़ा बहुत योग जरूर करना चाहिए।
फिटनेस :
स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिमाग ही कामयाबी की और कदम बढ़ा सकता है , बाबा रामदेव की आयु 50 वर्ष है , पर आज भी वो पूरी तरह से फिट है , और कहावत है स्वास्थ्य अनमोल निधि है , यह बाबा की फिटनेस का ही कमाल है वो आज भी बिना थके 17 -18 घंटे काम करते है।
स्पष्ट लक्ष्य :
किसी भी मंज़िल तक पहुँचने के लिये स्पष्ट लक्ष्य का होना अति आवश्यक है , अगर जीवन में आपका लक्ष्य स्पष्ट नहीं है तो चाहे आप कितने भी प्रतिभावान आप कुछ भी हासिल नहीं कर सकते , बाबा के जीवन का लक्ष्य स्पष्ट था की उन्हें योग और आयुर्वेद का साम्राज्य स्थापित करना है , और स्वदेशी वस्तुओं को लोगो तक पहुँचाना है। तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियों की गुलामी से मुक्त करना है
मार्किट की नब्ज को समझना :
लक्ष्य के पीछे अगर एक स्पष्ट उदेश्य है तो आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता , बाबा का उदेश्य स्पष्ट था , वो लोगो के मिजाज को जानते थे , वो जानते है की लोग अपने स्वस्थ से बहुत प्रेम करते है सभी फिट रहना चाहते है , तो उन्होंने अपने मार्किट प्लान में किसी बड़े ब्रांड अम्बेसेडर को न लेकर खुद लोगो को उनके स्वास्थ के प्रति जागृत किया।
बोलने की कला :
अक्सर हम भारतियों में अंग्रेजी को लेकर बहुत बड़ा होवा है की जिसे अंग्रेजी नहीं आती वो कामयाब नहीं हो सकता कामयाब होने के लिए अंग्रेजी की नहीं बोलने की कला की जरुरत है। बाबा ने अपने देसी अंदाज़ से भारतीयों ही नहीं पूरी दुनिया को अपने पीछे लगा लिया। अतः आपको अपने विषय का सही ज्ञान होना और बात को सही ढंग से प्रस्तुत करने की कला सीखनी चाहिए।