विनम्रता(Politeness) उन लोगो की पहचान होती है जो ज्ञानी होते हैं। जिस व्यक्ति के पास जितना अधिक ज्ञान होता है वो उतना हे विनम्र होता है। और यह बात बहुत से उदाहरणो से स्पष्ट हो जाता है। एक ऐसी ही सच्ची कहानी है दिलीप कुमार के जीवन की बात उन दिनों की है जब दिलीप कुमार हिन्दी सिनेमा की उंचाइओं पर थे। एक बार वो प्लेन में सफर कर रहे थे , उनके पास ही एक व्यक्ति साधारण कपड़ो में बैठे थे और साधारण पर अच्छे शिक्षित लग रहे थे।
प्लेन में सभी लोग दिलीप कुमार को बार बार देख रहे थे पर ये एक साहब थे जिनका दिलीप कुमार पर ध्यान नहीं था वे आराम से अख़बार पढ़ने में मशगूल थे।
चाय आने पर उन्होने बड़े आराम से चाय ली और आराम से बैठ गए। अब उस व्यक्ति का दिलीप कुमार की तरफ ध्यान न देना कहीं कहीं दिलीप कुमार को अटपटा लग रहा था , तो बात शुरू करने के लिए दिलीप उनके तरफ देख कर मुस्कुराए और वे भी मुस्कुरा दिए। आगे बात करते हुए दिलीप ने सिनेमा के बात शुरू कि और उनसे पूछा क्या आप फ़िल्में देखते है?
उन्होने उत्तर दिया :- कभी कभी
फिर दिलीप जी ने कहा :- मैं फिल्मो में काम करता हूँ।
उन्होने कहा :- ओह अच्छा ! आप फिल्मो में क्या काम करते हो ?
दिलीप जी ने कहा :- मैं एक्टिंग करता हूँ।
उन्होने बहुत शांति से बहुत अच्छा कहा।
प्लेन लैंड होने पर विदा लेते हुए दिलीप जी ने हाथ बढ़ते हुए कहा \” आप की साथ यात्रा कर के अच्छा लगा , वैसे मेरा नाम दिलीप कुमार है।
उन्होने हाथ बढ़ाते हुए कहा मैं जे . आर . डी. टाटा।
उनका नाम सुन कर दिलीप कुमार सन्न रह गए। और शायद उसी वक़्त उन्हें खुद को महान समझने की गलती का एहसास हो गया होगा।
एक कहावत है फलों से लदे हुए पेड़ झुके हुए होते हैं। उसी प्रकार महान लोग भी विनम्र होते है , विनम्रता एक ऐसा गुण है जो महान लोगो की महानता को और बढ़ा देता है , हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं , महान हम विनम्रता आने क बाद ही बनते हैं।
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