जैसे दिवाली का इन्तजार बच्चें पटाखे जलाने के लिए करते है वैसे ही एम्प्लाइज इसका इन्तजार केते है अपना Bonus पाने के लिए | जैसा कि नाम से जाहिर होता है , बोनस वो अमाउंट है जो एम्प्लाइज को सैलरी से अलग मिलता है | हालाँकि आपको पिछले आर्टिकल में हम बता चुके है कि बोनस शुरू किए वजह से हुआ था | लेकिन अभी तक ये प्रकिया इसलिए भी चल रही है जिससे कंपनी अपने एम्प्लाइज को समय समय पर मोटीवेट कर सकें | परफॉरमेंस बोनस ऐसे ही मोटिवेशन के लिए यूज़ होता है |
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कैसे शुरू हुआ कर्मचारियों को दिवाली बोनस (Bonus) मिलना ?
लेकिन दिवाली के समय हम विशेष रूप से दिवाली Bonus की बात करेंगे | दिवाली से पहले का समय चल रहा है. ये एक ऐसा समय है जब हम ये जानने के लिए उत्सुक रहते है कि हमारा Bonus कितना बना होगा |
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सबसे पहले आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आपका बोनसआप को कंपनी की तरफ से मिलने वाला कोई तोहफा नहीं है बल्कि ये आपका राईट है | भारत में काम करने वाले कर्मचारियों व उनकी ट्रेड यूनियन की बोनस की मांग को देखते हुए भारत सरकार ने 1961 में एक कमीशन का गठन किया था | जिसके अनुसार 1965 में पारित किये गए पेमेंट ऑफ़ बोनस एक्ट की ये है मुख्य बातें |
- आपका Bonus अमाउंट इस बात पर निर्भर करता है कि कंपनी आपको कितना प्रतिशत Bonus देना चाहती है |
- न्यूनतम Bonus वित्त वर्ष के दौरान अर्जित मूल वेतन का 8.33% है और अधिकतम Bonus अधिनियम, 1965 के तहत भुगतान 20% है।
- यदि किसी व्यक्ति ने किसी कंपनी में मोजुदा वित्त वर्ष में कम से कम 30 दिन तक काम किया है तो वह बोनस लेने का पात्र है |
- Bonus कैलकुलेट करते समय बेसिक सैलरी के साथ DA को भी जोड़ा जाता है जबकि HRA , ओवर टाइम व अन्य सैलरी कंपोनेंट्स इसमें सम्मलित नहीं होते |
- यदि कोई व्यक्ति किसी फ्रॉड या ऐसे ही किसी काम के कारण कंपनी से निकल दिया जाता है तो वह Bonus का भी अधिकारी नहीं रह जाता |
- ऐसे कर्मचारी जिनकी मासिक सैलरी 21,000 प्रति माह है , Bonus पाने के अधिकारी है |
- आपकी बेसिक सैलरी x 8.33% = प्रति माह बोनस|
- प्रति माह बोनस x 12 = बोनस अमाउंट प्रति वर्ष
आशा है ये आर्टिकल आपको ये क्लियर करेगा कि आपको कितना बोनस मिलना चाहिए | इस विषय में अगर आपके पास कुछ और प्रश्न है तो आप कमेंट के माध्यम से हमसे पूछ सकते है |