हम भारतियों के आस पास बहुत से रिश्ते होते है , यदि आप गाँव या छोटे कस्बों में जाएँ तो पाएंगे कि आज भी पडोसीयों को अंकल या आंटी न कहकर चाचा या चाची कहा जाता है | लेकिन जब बात बिज़नस की आती है तो ये रिश्तें साथ नहीं दे पाते | कहा जाता है कि रिश्तेदारों के साथ पार्टनरशिप करने से आप बिज़नस तो बिज़नस रिश्तें भी खत्म कर दोगे | ऐसा कहने की एक वजह ये भी है कि अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ को अलग अलग रखना बहुत मुश्किल है, कई बार आपको सुनना पड़ सकता है “अरे , तुम तो फॅमिली ही हो , क्या जरूरत है किसी अग्ग्रेमेंट को साइन करने की” | इसके बाद प्रश्न ये उठता है कि भाई भाई या भाई बहिन अपनी रेस्पोंसिबिलिटी को कैसे बाटें ? ये ऐसे कुछ प्रश्न है जिसके कारण siblings एक बिज़नस में एक साथ काम नहीं कर पाते |
वर्तमान समय की कठोर प्रतिस्प्रधा में जहाँ भाई भाई का प्रतिद्वंदी बन रहा है , वहीँ कुछ उदाहरण ऐसे भी है जहाँ भाई बहन ने साथ मिलकर बिज़नस एम्पायर तैयार किया अथवा अपने बिज़नस को आगे बढ़ाया | आज रक्षाबंधन के पवित्र पर्व पर हम आपको इन्ही भाई बहनों के विषय में बताएँगे , जो सिर्फ भाई बहन नहीं बल्कि अच्छे बिज़नस पार्टनर भी बने |
- गौरव गोयनका व सुचेता गोयनका (Citrus Hotels)
अपने पिता के साथ mirah group में काम करके बिज़नस की बारीकियों को समझने के बाद गौरव ने मिड-सेगमेंट होटल्स के विषय में सोचना प्रारम्भ किया | उनके बहन सुचेता भी इस वेंचर को ज्वाइन करने के लिया बहुत उत्साहित थी | इन दोनों को बिज़नस में अपने रोल्स को लेकर पहले से ही क्लेअरिटी थी, गौरव का इन्वोल्व्मेंट इन्वेस्टमेंट व फाइनेंस में अधिक होना था व सुचिता को managment part संभालना था | 2010 में दिए गए एक इंटरव्यू में गौरव कहते है ,” मुझे व सुचेता को हर वोर्किंह डे के अंत में खुद से कहना पड़ता था कि हम क=लोग एक परिवार का हिस्सा है और काम को ऑफिस में ही छोड़ना है |” इसी में उनकी बहन सुचेता जोड़ती है ,” गौरव की ये quality मुझे बहुत पसंद है कि वो मुझे ऐसे ही treat करते है जैसे कम्पनी के किसी दुसरें एम्प्लोयी को और इससे मुझे ये मेसेज मिलता है कि हमें फॅमिली अफेयर्स को घर तक रखना है और ऑफिस में हम प्रोफेशनल्स है |”
- सुरेश नंजन व (स्व.) विजयलक्ष्मी (विजयलक्ष्मी नेचुरल फर्म्स प्रा. लिमिटिड )
सुरेश नंजन ने अपनी कम्पनी का नाम अपनी बहिन के नाम पर रखा इसका कारण बताते हुए सुनील कहते है कि “मेरी बहन कॉलेज ड्रॉपआउट थी | एक असफल शादी के बाद वो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी लेकिन कॉलेज ड्रॉपआउट होने के कारण वो किसी ऑफिस में काम नहीं कर सकती थी इसलिए उन्होंने स्वमं से कुछ करने का सोचा और एग्रीकल्चर के क्षेत्र में चाय उत्पादन के लिया काम करना प्रारम्भ किया |” दोनों भाई बहन ने मिलकर निलगिरी के किसानो के लिए बहुत काम किया | 2009 में उनकी बहन के स्वर्गवास के बाद सुरेश ने अपनी बहन के स्वपन को जीवित रखा व 2013 में अपनी बहन के नाम पर विजयलक्ष्मी नेचुरल फर्म्स प्रा. लिमिटिड का नाम रखा जो teaneer व thaleer के नाम से निलगिरी चाय व सब्जियां consumers तक पहुचातीं है |
- रश्मि सिन्हा व अमित रंजन (Slideshare)
2006 वह वर्ष था जब अमित अपनी सेल्स and मार्केटिंग की जॉब से ऊब गए थे व उनकी बहन रश्मि भी अपने academic स्टेटस को कुछ ऐसा ही फील कर रही थी इसलिए दोनों ने साथ मिलकर slideshare की शुरुआत की | slideshare एक ऐसा plateform है जिसके माध्यम से प्रोफेशनल प्रेजेंटेशन या बिज़नस डाक्यूमेंट्स को शेयर किया जा सके | इसमें रश्मि ने CEO का पद संभाला व अमित ने COO के पद पर रहकर काम किया | 2012 में इस कंपनी को linkedin ने $119 में खरीद लिया था | slideshare अब प्रेजेंटेशन शेयर करने का सबसे बड़ा माध्यम बन चूका है |
- शाइना जगतानी व जुबिन जगतानी ( Red Spokes Cycling )
रेड स्पोक साइकिलिंग की शुरुआत इन दोनों भाई बहन ने साइकिलिंग को प्रमोट करने के लिए की थी , बेंगलुरु बेस्ड इस कंपनी का मुख्य उद्देश्य लोगों को कम दूरी तय करने के लिए इस इको फ्रेंडली साधन का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करवाने का है | ये ही इस बिज़नस वेंचर की ख़ास बात है | यहाँ भी शाइना व जुबिन दोनों भाई बहन मिलकर उल्लेखनीय कार्य कर रहे है |