कैसा हो अगर आपका आधार (aadhar) कार्ड ही बन जाये डेबिट कार्ड

नकद की दिक्कत के चलते अधिक से अधिक लोग cashless transaction अपना रहे है. यानी बिना नकद दिए अपने अकाउंट से सामन के पैसे या बिल देना. cashless transaction के लिए आपके पास स्मार्ट फ़ोन या डेबिट व क्रेडिट कार्ड का होना जरूरी है .

लेकिन जिन लोगो के पास इनमे से एक भी चीज नहीं है वो भी अब cashless transaction कर सकेंगे.अब सरकार ने आधार (aadhar) कार्ड से जुड़े एक ऐसे एप को विकसित कर रही है, जो आपकी इस काम में मदद कर सकती है. आपको ये भी पता होना चाहिए  कि आप इस एप के जरिये जो भी लेन-देन करेंगे वह सरकार की नजर में होगा.

इस एप्प को यूआईडीएआई develop कर रही है. ये वो ही संस्था है जिसने आधार (aadhar) कार्ड बनाये थे. मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, इस एप के आ जाने के बाद आपको डेबिट कार्ड, पिन और पासवर्ड आदि को याद रखने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी. इस एप्प के माध्यम से बायोमेट्रिक तरीके से यूजर अपने बिल का भुगतान कर सकेंगे. इस मोबाइल एप में हैंडसेट में आधार (aadhar) आधारित भुगतान प्रणाली का इस्तेमाल तभी किया जा सकता है, जब इसमें ग्राहक की बायोमीट्रिक जानकारी का प्रमाण आ जायेगा.

आधार कार्ड वर्तमान में 10 करोड़ लोगों के पास है.  यूआईडीएआई इस संख्या को 10 करोड़ से बढाकर 40 करोड़ करना चाहती है. जिससे अधिक से अधिक लोग आधार (aadhar)  कार्ड के जरिये cashless transaction कर सकें.

यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने पत्रकारों से कहा कि  हम आम लोगों को इस ट्रांजेक्शन के तरीके बारे में बताएंगे और इस तरह 40 करोड़ पहचान तक अपनी क्षमता बढ़ाएंगे. अजय भूषण पांडे ने ये जानकारी भी दी कि  12 अंकों का आधार नंबर 1.08 करोड़ लोगों को बांटा जा जा चुका है और इसके तहत लगभग 99 फीसदी वयस्क कवर हो चुके हैं.

भारत एक युवा देश है. यहीं कि अधिकतर लोगो की आयु 35 वर्ष से कम है. ये युवा नयी बातें सीखने की क्षमता रखते है. ऐसे में सरकार द्वारा cashless transaction को बढ़ावा देना उचित ही  है.

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