बहुत कम लागत से शुरू हो सकता है चाक बनाने का बिज़नेस पढ़े पूरी जानकारी

छोटे स्तर  के उद्योग अधिकतर ऐसे लोगों को अपनी और आकर्षित करते हैं जिन्हें एक्स्ट्रा इनकम चाहिए होती हैं. शुरुआत में भले ही ये उद्योग छोटे स्तर से शुरू किये जाएँ लेकिन मेहनत और लग्न के साथ काम करने पर अच्छा मुनाफा और बिज़नस में तरक्की होना भी तय हैं. लघु स्तर के उद्योग लगते समय यह ध्यान रखना जरूरी हैं कि आप जिस वस्तु का उद्योग लगाने जा रहें हैं उसकी मांग आपके क्षेत्र में कैसी हैं? कुछ वस्तुएं ऐसी होती हैं जिनकी मांग 12 महीने समान और सभी क्षेत्रों में रहती हैं. ऐसी ही एक वस्तु हैं चाक (Chalk).

चॉक (Chalk) प्रत्येक स्कूल कालेज एवं शिक्षा संस्थानों में काम आने वाली आवश्यक वस्तु है. और स्कूल आजकल बहुत तेजी से नये नये खुलते जा रहे हैं.  स्कूल से लेकर विश्वविद्यालयों तक में चॉक का प्रयोग समान रूप से किया जाता है. भारत मे सभी राज्य व केंद्र सरकार का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को भारत के हर घर में पहुँचाना हैं इसलिए  स्कूलों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और हर साल सैकड़ों नए स्कूल हर राज्यों में खोले जा रहे हैं. इसलिए चॉकों की मांग में बढ़ोतरी होना तय हैं.

चाक (Chalk) बनाने का कार्य कुटीर उद्योग के रूप में

आज भी भारत में कर्इ कारखानो में चॉक बनाया जा रहा हैं, लेकिन फिर भी इस उद्योग को अच्छा लाभ मिलने पूरी सम्भावना है.साथ ही ये काम बहुत अधिक शाररिक श्रम भी नहीं मांगता. चॉक (Chalk) बनाने का काम काफी आसान व सुगम हैं. इस उद्योग को घरेलू तथा कुटीर उद्योग के रूप में भी  काम प्रारम्भ किया जा सकता है. साथ ही ये उद्योग महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बना सकता हैं. कम श्रम का होने के कारन इस कार्य को करने में महिलाओं की सहायता ली जा सकती हैं. महिलाऐं घर पर ही इस उद्योग को विभिन्न सामाजिक व सरकारी संगठन की सहायता से शुरू कर सकती हैं.

कितने निवेश की होती हैं आवश्यकता

हर बिज़नस की तरह चाक (Chalk) बनाने के लिए भी निवेश की आवश्यकता होती हैं. कुटीर व लघु उद्योग होने के कारण निवेश की रकम बहुत बड़ी नहीं होती लेकिन किसी बिज़नस को शुरू करने से पहले उसमे लगने वाली लगत को जान लेना पहला काम होता हैं. अगर आप चाक बनाने का कार्य शुरू करना चाहते हैं तो उसमें लगने वाली लागत इस बात पर निर्भर करती है कि आपका बिज़नस कितने बड़े स्केल पर हैं.

इस बिज़नस में मुख्य वस्तु जिसमें अधिक निवेश की आवश्यकता होती हैं वह हैं चाक बनाने की मशीन. आज कल डस्ट फ्री चाक बनाने की मशीन की मांग बहुत ज्यादा हैं जिसकी कीमत उसकी चाक बनाने की क्षमता पर निर्भर करती हैं, ये मशीन आपको ऑनलाइन ट्रेडर्स को कॉल करके आसान किश्तों पर भी मिल सकती हैं.  साथ ही अपने काम को शुरू करने के शुरुआत आप चाहे को किराये की जगह से भी कर सकते हैं.

कच्चा माल

चॉक (Chalk) मुख्य रूप से प्लास्टर ऑफ पेरिस (Plaster of Paris) से बनाये जाते हैं . यह सफेद रंग का पाउडर होता है. यह वास्तव में एक प्रकार की मिट्टी है जिसे जिप्सम (Gypsum) नामक पत्थर से तैयार किया जाता है. प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को POP भी कहा जाता हैं. इसका रासायनिक नाम कैल्शियम कार्बोनेट हैं. इसके अतिरक्त आपको  चीनी मिट्टी, सफेद सीमेंट व अगल अलग रंगों की चाक बनाने के लिए विभिन्न रंगों की आवश्यकता भी होगी.

साथ ही आपको तैयार मॉल को पैक  करने के लिए गत्ते आदि की भी जरूरत होगी. अगर आप चाहें तो पैकिंग का काम आउटसोर्स भी कर सकते हैं लेकिन अपने कारखाने में ही पैकिंग कार्य करना ज्यादा किफायती होता हैं.

चॉक बनाने के लिए आवश्यक मशीनरी

अगर आप लघु स्तर पर या घर में ही काम चाक बनाने का काम शुरू करना चाहते हैं तो आप बिना मशीन के भी इस कार्य को कर सकते हैं. चाक (Chalk) को गन मैटल या अल्यूमीनियम के सांचों में बनाया जाता है. बड़े स्तर पर काम करने के लिए विभिन्न प्रकार की मशीन अब आने लगी हैं जो बिजली से चलती हैं, व जिनकी उत्पादन क्षमता भी अधिक होती हैं.

क्या हैं चाक (Chalk) उत्पादन विधि

चाक (Chalk)बनाने का प्रोसेस पूरी तरह चाक बनाने की मशीनरी पर निर्भर करता हैं. लघु व कुटीर उद्योग के रूप में  चॉक बनाने की विधि  बड़ी आसान है. थोड़े से प्लास्टर ऑफ़ पेरिस में पानी व अन्य आवश्यक सामग्री  डालकर हाथ से या लकड़ी के पतले तख्ते से चलाया जाता है. जब यह मिलकर लेर्इ (Paste) जैसी बन जाय तो सांचे के ऊपर इस तरह डाला जाता है कि सब छेदों में यह भर जाय. अगर पानी में प्लास्टर ऑफ़ पेरिस मिलाने से पहले थोड़ा सा नील मिला दिया  जाए तो चॉक की सफेदी खूब निखर आती है. सांचे में यह मिश्रण भरने से पहले सांचे में छेदों में हल्का सा मोबिल आयल या 4 भाग मिट्टी के तेल में एक भाग मूंगफली का तेल मिलाकर बनाया हुआ तेल रूर्इ की फुरैरी से लगा दिया जाता है.याद रखें दोनों तेलों का अनुपात 4:1 का होना चाहिए. चार भाग केरोसिन में एक भाग मूंगफली का तेल होना आवश्यक हैं.  ऐसा करने से चॉक छेद में चिपकता नहीं है. सांचे में 15-20 मिनट में ही प्लास्टर सूखकर जम जाता है, तब सांचे को खोलकर चॉक को निकाल दिया जाता है. इन्हें धूप में सूखने को रख दिया जाता है. उसके बाद चाक की पैकिंग की जाती हैं. एक पैकेट में 100 चाक भरी जाती हैं.

कैसे करें क्वालिटी चेक

आप जो प्रोडक्ट बना रहे हैं वो ता  ही अच्छा बिज़नस कर पायेगा जब उसकी क्वालिटी बढ़िया होगी. जैसा की आप जानते ही हैं  चॉक का प्रयोग ब्लैक बोर्ड पर लिखने में होता है, अत: ब्लैक बोर्ड पर ठीक तरह लिखने में बहुत धिसता है या लिखते समय वह टूटने लगता है तो समझ लें कि प्लास्टर ऑफ़ पेरिस खराब और कमजोर क्वालिटी का है, अत: दूसरी अच्छी क्वालिटी का प्रयोग करें . POP की क्वालिटी आपके प्रोडक्ट की क्वालिटी को सुनिश्चित करती हैं.

लेकिन इसके विपरीत अगर चॉक बोर्ड पर ठीक तरह न लिखे, अर्थात सख्त हो तो इसमें चीनी मिट्टी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए . जब सन्तुष्ट हो जाएं कि चॉक ठीक बने हैं तभी बाजार में बेचने को भेजना चाहिए. क्यूंकि आपके प्रोडक्ट का फर्स्ट इम्प्रैशन आपके कस्टमर्स पर बहुत अच्छा होना चाहिए तभी वह खुद आपके प्रोडक्ट को बार खरीदेगा व दुसरो को भी खरीदने को बोलेगा.

चॉक (Chalk)की पैकिंग

अपने प्रोडक्ट यानि चाक की क्वालिटी सुनिश्चित करने के बाद आप चाक को पैक कर सकते हैं. चॉक पैक करने के लिए 227 ग्राम वजन वाले गत्ते के डिब्बे बनाये जाते हैं और प्रत्येक डिब्बे में 100 चॉक रखे जाते हैं.

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