गूगल के सी ई ओ द्वारा सुनाई कॉकरोच की कहानी जो हमें जीवन का सन्देश देती है

जिंदगी का हर पल हमें कुछ न कुछ सीखतें  है , कभी कभी हमारे आस पास घटने वाली छोटी और सामान्य घटनाएं भी हमारे लिए ऐसा सन्देश छोड़ देती है जो हमारे पुरे जीवन को बदल कर रख देती है। जीवन हमारे कृत्यों का परिणाम है , हमारा जीवन कैसा होगा हम जिंदगी कैसे जियेंगे यह सब हमारे सोचने और समझने के तरिके पर निर्भर करता है

कैसे एक छोटी सी घटना जिंदगी के लिए एक बहुत बड़ा सबक बन सकती है वो इस छोटी सी कहानी से स्पष्ट होता है जो गूगल के सी ई ओ सुंदर पिच्चई ने सुनाई थी।  यह उनके जीवन की घटना थी

\”एक बार एक रेस्टोरेंट में एक कॉकरोच  कही से उड़कर एक महिला पर जा बैठा। वह महिला भय की वजह से चिल्लाने लगी , उसके चेहरे पर आतंक के भाव थे और वह चिल्लाती हुई अपने हाथो को जोर जोर से पटकती हुई जोर जोर से  इधर उधर उछलने लगी|  वह किसी भी तरह से कॉकरोच से छुटकारा पाने का प्रयास कर रही थी।

उसके चेहरे पर दर के भाव थे और उस ग्रुप में जितनी भी महिलाएं थी वो सभी उस कॉकरोच की वजह से भयभीत थी , जैसे कैसे वह महिला कॉकरोच से पीछा छुड़ाने में सफल रही। …… पर वह कॉकरोच उड़कर उसकी ग्रुप की दूसरी महिला के ऊपर बैठ गया और अब तक जो वो पहली महिला कर रही  दूसरी महिला ने शुरू कर दिया।

यह सब देख कर एक वेटर उन्हें बचाने के लिए दौड़ा , उस कॉकरोच से पीछा छुड़ाने के प्रयास में वह कॉकरोच उस वेटर के ऊपर जा बैठा।

उन सब के उल्ट वेटर शांत खड़ा रहा , उसने खुद को संयमित किया और अपनी शर्ट पर बैठे कॉकरोच के स्वाभाव को समझने लगा।

जब वेटर ने उसे अच्छे से परख लिया और उसे विश्वाश हो गया तो उसने कॉकरोच को अपनी हाथो की उँगलियों से पकड़ा और रेस्टोरेंट के बाहर फेंक दिया|

कॉफी पीते हुए में यह सारा मनोरंजक नजारा देख रहा था , तभी मेरे दिमाग के एंटीना में कुछ विचार आये और मै सोचने लगा कि क्या महिलाओं के भयानक  व्यवहार के लिए कॉकरोच जिम्मेदार था ? अगर ऐसा था तो कॉकरोच के व्यवहार ने वेटर को परेशान क्यों नहीं किया ? उसने बड़े कुशल तरीके से बिना किसी हो हल्ले के कॉकरोच को हैंडल किया।

महिलाओं के इस व्यवहार का कारण कॉकरोच नहीं था बल्कि , कॉकरोच को वहां देखकर उसे  हैंडल न कर पाने की महिलाओं की अक्षमता थी।

मैंने महसूस किया कि मेरे पिता या मेरे बॉस की डांट मेरी अशांति का कारण नहीं है बल्कि उस डांट को संभालने की मेरी असक्षमता ही मेरी अशांति का कारण है|

मेरी अशांति का कारण ट्रैफिक जाम नहीं बल्कि उस ट्रैफिक से होने वाली परेशानी को सँभालने की मेरी असक्षमता ही मेरी अशांति का कारण है|हमारे जीवन में अशांति का कारण समस्याएँ नहीं बल्कि अशांति का कारण समस्याओं के प्रति हमारा व्यवहार होता है|

इस कहानी से यह सीख मिलती है कि \” जीवन में घटने वाली घटनाओं पर एक दम से प्रतिक्रिया न देकर उसे समझ कर जवाब देना चाहिए \”

महिलाओं ने प्रतिक्रिया दी और वेटर ने जवाब दिया

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