दिलीप सांघवी, एक जाना पहचाना नाम जो कि ना सिर्फ एक भारतीय उद्योगपति है बल्कि भारत के के सबसे अमीर लोगों में इनका नाम शुमार होता है , लकिन इसके अलावा दिलीप सांघवी एक और बात के लिए जाने जाते है और वो है उनकी प्रेरणाप्रद बातें जिनसे ना जाने कितने लोग motivate हुए होंगे और ना जाने कितने और लोग होंगे, शायद आप भी उन में से एक हो जायें |
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मैं बिना लड़ें जीतना पसंद करूंगा , पर यदि ऐसा नहीं हो सकता तो मैं लड़ाई के लिए तैयार हूँ |
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ऐसी कंपनी, जो दूसरी कंपनीज की मुश्किलों को देखें व उनकी गलतियों से सीखें, एक सफल कंपनी बनती है |
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पैसा मेरे द्वारा किये गए कार्य का परिणाम है, जो आकस्मिक है |
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मैंने खुद को कभी भी एक संस्थापक के रूप में नहीं देखा ,मैं स्वमं का मूल्यांकन हमेशा एक मेनेजर के रूप में करता हूँ |
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यदि कोई कंपनी अच्छा परफॉर्म नहीं कर रही , इसका मतलब यह नहीं कि वह एक अच्छी कंपनी नहीं है |
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जब लोगों को आपसे ज्यादा उम्मीद हो तब काम करना हमेशा ज्यादा चुनोतीपूर्ण होता है, मैं बिना किसी की expectation के काम करना ज्यादा पसंद करूंगा |
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मार्किट कैप के रिजल्ट से उत्साहित होने मैं कोई समझदारी नहीं है, क्यूंकि यह सिर्फ एक टूल है |
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मैं अपने ऊपर लगें “सबसे अमीर भारतीय” के टैग व इसके कारण मिलने वाली attention को सुविधाजनक नहीं मानता |सत्य यह है, कि मैं अपना ध्यान अपने कार्यों पैर केन्द्रित करना चाहता हूँ और उन्हें सही तरीके से करना चाहता हूँ |
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अगर मैं स्वयं को के मेनेजर कि तरह देखूं तो मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है |
Sum Phrma के संस्थापक व M.D. होने के बावजूद भी श्री संघवी खुद को boss ना समझ कर एम्प्लोयी की तरह ही मानते हैं , ये अपनी गलतिओं से सीख लेते है और इनके शब्द अनेक aspiring बिज़नस मेन के किये प्रेरणा बन सकते हैं |