एक School में एक motivational speeker आया। बच्चों को उनकी life में motivate करने के लिए। इस speeker के हाथ में एक पानी से आधा भरा glass था बच्चों को लगा वही पुराना BE POSITIVE का lecture है।
Speeker ने पूछा \”आपको मेरे हाथ में ये glass देख कर क्या महसूस हुआ?\”
भीड़ में से एक बच्चे ने जवाब देते हुए कहा \” यह glass आधा भरा हुआ है जो positive होने को दर्शाता है और आधा खाली है जो negative सोच वालो को पहले नज़र आता है। हमे सदा सकारात्मक सोच रखते हुए glass को आधा भरा हुआ ही समझना चाहिए आधा खाली नहीं। \”
Speeker बोला \”बच्चे ने सही कहा बात तो सोच की ही है लेकिन positive या nagitive नहीं –
नई या पुरानी इस बात की। मैं आज आपको एक नई सोच बता रहा हूँ ध्यान से सुनो। \”
\”आपमें से कोई बता सकता है इस glass में कितना पानी होगा ??
\” बच्चे चिल्लाए \”150 ml \” नहीं \”100 ml \” शायद 50 ml sir । \”
\”मुझे भी नहीं पता – चलिए हम इसे 100 ml मान लेते हैं। अब बताओ अगर मैं इस 100 ml पानी से भरे glass को 10 min तक यू ही बाह ऊपर कर पकड़े राहु तो क्या होगा ?\”
बच्चों को बात कुछ अजीब लगी भला-10 min glass पकड़ने से क्या होगा? सब साथ में बोले \”कुछ नहीं होगा sir \”.
फिर speekar ने पूछा \”अगर मैं glass को अगले 20 min तक पकड़े राहु तो ?\”
बच्चे परेशान होकर बोले \”आपका हाथ दर्द करने लगेगा sir \”.
\”सही कहा अब बताओ अगर मैं इसे अगले 40 min तक यु ही उठा कर रखु तो ???\”
बच्चे कुछ समझ नहीं पा रहे थे वे बोले – \” हाथ के साथ-साथ बाजु दर्द करने लगेगा \”
\”पर इस सब से होगा क्या ?\” – एक लड़के ने पूछा \”आप इस glass को उठाए रखने की बजाए नीचे रख क्यों नहीं देते ??\”
\”समझने वाली बात यही है\” Speeker बोला \” हमारी life में बहुत सी समस्याएं इस glass जैसी ही हैं, हम नहीं जानते के समस्या कितनी बड़ी या छोटी है और हम चाहें तो उसे तुरंत छोड़ भी सकते हैं पर हम ऐसा करते नहीं हैं। तब तक इसे छोड़ते नहीं हैं जब तक हम थक नहीं जाते। समझदारी तो इसमें है की समय रहते ही हम अपनी तकलीफों को छोड़ दें , जब हम जानते ही नहीं समस्या की उत्पत्ति का कारण क्या है और हम किस तरह इस समस्या को खत्म कर सकते हैं तो क्यों समस्या को पकड़ कर रखें। \”
\”अगर मैं ज़्यादा देर तक इस glass को उठाकर रखुँगा तो मैं अपनी दूसरी ज़िम्मेवारियों से पृथक हो जाउगा साथ ही इस दर्द और कष्ट में दूसरे सुख और खुशियों के छोटे बड़े पल भी गवां बैठुंगा। इसी लिए हमे चाहिए के हर पल को जिए और वो भी glass को नीचे रख कर। \”