Dr. Reddy\’s – Good health can\’t wait

डॉ. कॉलम अंजी रेड्डी का जन्म 01  February  1939 में आंध्र प्रदेश के गुंटूर district के तडपल्ली गाओं में हुआ था।

 

आप शायद सोच रहे होंगे ये कौन हैं , अगर आपको डॉ. कॉलम अंजी रेड्डी जाना पहचाना नाम नहीं लग रहा तो इसको थोड़ा आसान कर देते हैं आपके लिए, हम आज बात कर रहे हैं Dr. Reddy\’s की।

आज Dr. Reddy\’s इंडिया की तीसरी सबसे बड़ी फार्मा कंपनी हैं। एक Multi National group . पर यह organization शुरूवात से MNC group नहीं थी. इस company के founder कोई business man या entrepreneur नहीं बल्कि एक किसान थे ,  डॉ. कॉलम अंजी रेड्डी के पिता एक किसान थे जो खाली समय में घरेलु दवा बना कर मुफ्त लोगों को दिया करते थे।

दवा के लिए उनकी दिलचस्पी यही से शुरू हुई , जिसे पूरा करने के लिए इन्होंने  BSc.  Tech की degree,Department of Chemical Technology, Mumbai से पूरी की और इसके बाद इन्होंने  Doctorate in Chemical Engineering प्राप्त की National Chemical Laboratory, Pune से।  दवा को जानने की उत्सुकता ने इनसे अगले 6 साल तक Indian Drugs and Pharmaceuticals Limited में काम करवाया और उसके बाद 10 साल तक इन्होंने 2 दवा बनाने वाली कम्पनीज़ की स्थापना में अपना योगदान दिया।  इतना सब सीख कर इन्होने 1984 में अपनी खुद की कंपनी की स्थापना करने का सोचा जिसका नाम इन्होंने Dr. Reddy\’s Laboratories रखा।

 

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इस कंपनी की शुरूवात 25 लाख के fund से हुई जो आज की तारीख में 1651 करोड़ से अधिक कमा रही है। Dr. Reddy चाहते थे के दवा इतने कम दामों पर दे जाए के सभी की पहुंच में हो। आज Dr. Reddy\’s Laboratories देश और दुनिया में 190 दवाए ,60 active pharmaceutical ingredients (APIs) दवा बनाने के लिए, diagnostic kits, critical care, और  biotechnology products बनती और बेचती है।

 Dr. Reddy\’s Laboratories 2014  में हुए मार्किट रिसर्च में 1200 में से एक सबसे अधिक trusted brand माना गया। DRL ने एक नए प्रथा की शुरुआत भी की (SMT) Self Managed Team, ये एक सोच थी जो सीखने और apply करने की छूट देती है, यहाँ बच्चों को काम करने के सभी गुण सिखाए जाते हैं , हफ्ते में 1 दिन कक्षा और काम सीखने के साथ salary भी दी जाती है ताकि ये सब आत्म निर्भर भी बने इसके लिए इन्होंने  Livelihood Advancement Business School (LABS) नाम से स्कूल भी चलाए।

1997 में  DRL ने  generics की तरफ कदम बढ़ाते हुए  USA के Abbreviated New Drug Application (ANDA)  में apply किया।2001 में Reddy’s भारत की पहली generic drug, fluoxetine (a generic version of Eli Lilly and Company’s Prozac) बनाने वाली कंपनी बन गई वह भी USA  में 180 दिन बाजार विशिष्टता के साथ। 

अपने pharmaceutical industry में योगदान के लिए  डॉ. कॉलम अंजी रेड्डी को 2001 में पदम श्री और उसके बाद पदमभूषण से सम्मानित किया। डॉ. कॉलम अंजी रेड्डी का 15 March 2013 को कैंसर के चलते  Apollo Hospital Hyderabad में निधन हो गया।

डॉ. कॉलम अंजी रेड्डी की सोच  \’To bring new molecules into the country at a price the common man can afford\’ ने आज Dr. Reddy\’s को भारत की तीसरे नंबर की कंपनी बना दिया।

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