अगर आप डॉक्टर (doctor) है और हिमाचल में नौकरी करने के इच्छा रखते है, तो ये खबर आपके लिए बहुत इम्पोर्टेन्ट है. हिमाचल सरकार ने सरकारी डॉक्टरों के लिए नयी पालिसी बनाई है. इस पालिसी का नाम एच आर पालिसी रखा है. इस पालिसी में सरकारी डॉक्टरों के जॉब छोड़ने को लेकर बड़ा बदला किया गया है.
हिमाचल सरकार ने विशेषज्ञ डाॅक्टर (doctor) द्वारा नौकरी छोड़ने पर भरे जाने वाले बांड की राशि में 10 गुना बढ़ोतरी कर दी है. पहले ये राशी सिर्फ 10 लाख रूपये थे यानी जो डॉक्टर अपनी सरकारी नौकरी छोड़ना चाहते थे उन्हें इस बांड के तहत राज्य सरकार को 10 लाख रूपये देने होते थे. अन अगर कोई सरकारी डॉक्टर (doctor) अपनी नौकरी छोड़ना चाहेगा तो उसे हिमाचल सरकार को एक करोड़ रुपए देने होंगे. ये राशि विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए निर्धारित की गयी है. MBBS डॉक्टरों (doctor) को अपनी सरकारी नौकरी छिड़ने पर 50 लाख रुपए सरकार को देने होंगे.
हिमाचल की राज्य सरकार का स्वास्थ्य विभाग अब नियमों को और भी कड़ा करने जा रहा है. डॉक्टरों (doctor) द्वारा अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर प्राइवेट प्रक्टिस करने का चलनदेश के सबी राज्यों में देखने को मिल रहा है. इससे राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर तो असर पड़ता ही है साथ ही बहुत से गरीब लोगों को भी उचित इलाज के लिए इन्तजार करना पड़ता है.
अभी ये बिल पारित नहीं हुआ है केवल इसका खाका तैयार किया गया है. राज्य सरकार इसे मंजूरी के लिए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में रखेगी. राज्य सरकार पहले भी दो बार यह मामला मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी के लिए ला चुकी है.
राज्य सरकार ने इस बिल में ये प्रावधान भी रखा है कि MBBS डॉक्टर सरकार को अपनी सेवा 20 साल तक देने के बाद नौकरी छोड़ सकते है. लेकिन बांड की राशी उन्हें चुकानी होगी.
सरकार ने प्रदेश में चल रही डॉक्टरों की कमी को देखते हुए बॉण्ड मनी को बढ़ाने का निर्णय लिया है. अभी इस पर विचार हो रहा है.
News Credit: Bhaskar.com