GST गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स या वस्तु एवं सेवा कर एक अप्रत्यक्ष कर है जिसे पुरे देश में एक साथ लागु किया जायेगा। 2005 में सेल्स टैक्स को वैट में बदलने के बाद यह टैक्स सुधारों की दिशा में एक और क्रन्तिकारी कदम माना जा सकता है।
क्या है GST (Goods and Services Tax ) ?
GST एक अप्रत्यक्ष कर है जिसने देश की पूरी कर व्यवस्था को बदल दिया है , 1 जुलाई से GST के लागू हो जाने के साथ ही यह देश में एक सामान कर प्रणाली को लागु कर देगा , सीधे शब्दों में कहें तो GST में हम पर लगने वाले लगभग 17 मुख्य करों को समाप्त करके एक कर लगा दिया गया है , जो पूरी तरह से ऑनलाइन है . और इसे प्रयोग में भी आसान माना जा रहा है .
GST का इतिहास
GST की नीव अटल बिहारी की सरकार के समय में रखी गयी थी उसके बाद 2007 में UPA सरकार के वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने भी बजट में इसके लागु करने की बात कही थी। परन्तु बहुत सारे कारणों की वजह से इसके लागू होने में देरी होती रही और अब 1 जुलाई 2017 से इसे लागु किया गया है .
GST को कितने भागों मे बांटा गया है ?
GST को मुख्यतः 3 श्रेणियों में रखा गया है
- सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स CGST . इस टैक्स से प्राप्त आय सेंट्रल गवर्नमेंट / केंद्रीय सरकार के पास जाएगी
- स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स SGST. इस टैक्स से प्राप्त आय राज्य सरकार के पास जाएगी।
- इंटर स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स ISGST. इस टैक्स से प्राप्त आय दो राज्यों के बीच में बंट जाएगी।
किन किन वस्तुओ और सेवाओं को GST से बाहर रखा गया है ?
संविधान के 122वे संशोधन के मुताबिक GST सभी तरह की सेवाओं और उतपादों पर लगेगा, फिलहाल अल्कोहल / शराब , तम्बाकू से बने पदार्थ व पेट्रोल डीजल को इससे बाहर रखा गया है .
GST से होने वाले लाभ :
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GST लागु हो जाने के बाद भारत भी एक राष्ट्र एक कर की श्रेणी में आ जाएगा। भारत में GST की दर 18 % रखी गयी है अभी तक अमूमन 165 देशों में यह प्रणाली लागु है। स्वीडन और डेनमार्क में 25 % GST लागु है और हमारे पडोसी देश पाकिसतन में भी GST 18% की दर से लागु है।
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पुरे देश में एक ही प्रकार का टैक्स होने से व्यपारियों को भी बड़ी राहत मिलेगी . जिससे उन्हें अब इंस्पेक्टर राज से भी छुटकारा मिलेगा.
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GST में कर को 5 भागों में बांटा गया है ०% ,5%, 12% , 18% और 28% .
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इस व्यवस्था में एक टैक्स होने की वजह से टैक्स के ऊपर टैक्स लगने की खराब व्यवस्था का अंत होगा .
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एक राज्य से दुसरे राज्य में वस्तुओं का प्रवाह आसानी से और बिना CST के होगा जो की 2 प्रतिशत की बचत है .
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आम जरुरत की बहुत सारी वस्तुओं को टैक्स से बाहर या न्यूनतम श्रेणी यानि 5 प्रतिशत में रखा गया है
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छोटे व्यवसायी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए 20 लाख तक की टर्नओवर वाले व्यवसायों को GST के दायरे से बाहर रखा गया है
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20 lakh से 75 lakh तक के टर्नओवर वाले व्यवसायों को भी compensation scheme के तहत बड़ी राहत दी गयी है .
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GST का हमारे जीवन पर मिला जुला असर होगा कुछ चीज़े सस्ती होंगी और कुछ चीज़े महंगी .
प्रधान मंत्री मोदी ने GST लांच के मौके पर इसे एक नया दिया और GST को उन्होंने Good and Simple tax कहकर सम्बोथित किया
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