आप अपने कार्यक्षेत्र में पहचान नहीं बना पा रहे , या आपके द्वारा किये गए काम का श्रेय कोई और ले जाता है। यह एक बड़ी सामान्य सी समस्या है , पर कभी कभी यह इतनी बड़ी बन जाती है की व्यक्ति को डिप्रेशन तक आने लगता है। आपकी तरक्की रुक जाती है , आप कोशिश करना भी छोड़ देते हो। ऐसी स्थिति किसी भी व्यक्ति और संस्था दोनों के लिए घातक है। आपकी टेक्निकल स्किल से आप काम तो अच्छे से कर लेते हो पर , आपकी व्यवहारिक क्षमता की वजह से आप पिछड़ जाते हो। \”ये ऐसा हुआ की आप खाना तो बहुत अच्छा बना लेते है पर आपको उसे परोसने का हुनर नहीं है।\” इस गुण को हम प्रस्तुत करने की क्षमता (Presentation Skill ) कहते है। आइये जानते है कुछ ऐसी बाते जिन्हे अपना इस समस्या को दूर भगा सकते है
लटके हुए काम को करने की पहल करें :
आपके बॉस के या ऑफिस में कुछ काम ऐसे होते है जो समय के आभाव में लटके पड़े रहते है। अगर आपके पास समय है तो आप उन कामो को निबटने में अपने बॉस का सहयोग कीजिये ,इसके आपको दो फायदे होंगे। एक तो आपके और आपके बॉस के सम्बन्ध सुधरेंगे दूसरा आपसे ऊपर के लेवल पर कामो को कैसे करना है इसकी जानकारी आपको मिलेगी। जिन कामो को कोई नहीं करना चाहता अगर आप उन कामो को करते हो तो ये सबसे बढ़िया तरीका है अपनी नई पहचान बनाने का। आपको \” मै दुसरो का काम क्यों करू \” वाली सोच को छोड़ना होगा
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अपने शीर्ष अधिकारियो से बेहतर स्पष्ट संवाद बनाये ( clear communication with seniors):
अपने शीर्ष अधिकारियो आपके बॉस या बॉस के बॉस से बिलकुल स्पष्ट संवाद रखे। जैसे किसी भी रिपोर्ट को मेल करते वक़्त जरुरी लोगो को CC में जरूर रखे।
कई बार आप लेट रुक कर काम करते है। तो उसकी किये हुए काम की रिपोर्ट ऑफिस से निकलने से पहले जरूर करे। जिससे उनको ये पता रहे की आप अपने काम को लेकर कितने गंभीर हो और आपने लेट सिटींग की है।
सबसे तालमेल बना कर रखे और किसी फालतू के विवाद में न फंसे (Co ordinate with everybody) :
कामयाब लोगो की एक सबसे सामान्य खूबी यह होती है की वे आपसी रिश्तो की कदर करते है और उन्हें आसपास के लोगो से तालमेल बैठना आता है। अपने से नीचे वाले लोगो की काम को लेकर मदद करे और उन्हें निरंतर प्रोत्साहित करे। अपने समकक्ष लोगो को अगर किसी विषय पर आपकी जरुरत है तो उन्हें खुले दिल से सहयोग दे। इससे लोग आपके फैन हो जायेंगे। ऑफिस में होने वाली फालतू की गॉसिप का हिस्सा न बने और खुद को तटस्थ रखे। अगर कुछ गलत लगे तो उसका विरोध करे और साथ वालो को ऐसा न करने की प्रेरणा भी दे।
ऑफिस की अन्य गतिवधियों में भाग लीजिये (Take part in office activities) :
आपके यहाँ पर होने वाली अन्य गतिवधियों ऑफिसियल पार्टीज या मीटिंग्स में भाग ले। और अपनी रचनात्मक क्षमता का प्रदर्शन करे।
आलोचनाओ का सामना करे (Face the critics) :
आलोचक हमारा सच्चा मित्र होता है , क्योकि हमारी कमियों पर ध्यान देता है। तो आपको ऐसी हर आलोचना को गंभीरता से लेना चाहिए और भविष्य में उस कमी में सुधार करना चाहिए। पर अगर आपको लगता है की आपकी बेवजह आलोचना हो रही है तो उसका नम्रता पूर्वक विरोध करना चाहिए और तथ्यों को स्पष्ट करना चाहिए
नकारात्मक लोगो से बचे (aware of negative peoples) :
हमारे आस पास हर तरह के लोग होते है। कुछ लोग हमेशा चीज़ को नकारात्मक दृष्टि से देखते है। उन्हें तरफ निराशा ही नजर आती है। ऐसे लोगो से दूर रहे तो अच्छा है। हमें सकारात्मक लोगो के साथ रहना चाहिए और उनके गुणों ग्रहण करना चाहिए।
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