कामयाबी का सूत्र : विनम्रता पूर्वक कैसे \”ना\” कहें (Say no politely)

मैँ सब के साथ अच्छा रहना चाहता हूँ , मैँ चाहता हूँ सब मेरी तारीफ करेँ , मैँ सबकी good book में रहना चाहता हूँ। और यह मेरी अकेले की नहीं सभी की चाहत है कि वह सबकी good books में रहना चाहता है और कोई हमसे नाराज न हो जाये इस वजह से हम अक्सर \”ना\” (No) कहना नहीं चाहते।

अगर आप ध्यान से गौर करोगे तो पाएंगे की हम हर रोज़ अपने दिन की शुरूआत \”Yes Man\” बनकर करते है और शाम तक बहुत सी जरूरी और गैर जरुरी बातो के के जवाब में हाँ करते रहते है बिना यह सोचे की ऐसा करना जरुरी नहीं था आपका समय बहुत कीमती है पर हम दूसरों की नजरों में अच्छा बने रहने के लिए खुद को दबाते रहते है।  हमारा यह अर्थ नहीं की आप हर बात के लिए ना कहें पर जब जरुरी हो तो विनम्रता से या फिर कभी कभी पुरजोर तरीके से ना कहना बहुत जरुरी है।

ऐसा नहीं की हम यह नहीं जानते की हम मज़बूरी में या किसी दबाव में या संकोच वश  \”Yes Man\” बनते है, और ना भी करना चाहते है ,पर शायद हम ना कहने की कला को नहीं जानते और इसी वजह से हम ऐसा नहीं कर पाते है।  सच मानिये ना कहना भी एक कला है।

हम अक्सर हाँ क्यों बोलते है ?

आपने कभी सोचा है कि हम हमेशा हाँ ही क्यों बोलते है , इसकी शुरुआत हमारे बचपन से होती है जब हमें हमारे शिक्षक हमारे पेरेंट्स हमें हमेशा हां बोलने की सीख देते है , हमें सिखाया जाता है की ना कहना बुरी बात है। इसी वजह से हम हमेशा अपने हां ही करते है चाहे हमारे दोस्त हमें फुटबॉल खेलने के लिए आमंत्रित करें या बंक करके फिल्म देखने के लिए कहें।  हमें कभी किसी ने शायद ना कहना सिखाया ही नहीं।

कभी कभी जरुरी हो जाता है ना करना :

ना करना बहुत बार फायदा का सौदा भी बन सकता है , जैसे हर बात को ना नहीं की जा सकती वैसे ही हर बात को हाँ भी नहीं की जा सकती। आपको अपना कोई जरुरी काम खत्म करना है और आपके किसी खास दोस्त का अचानक फोन आ जाये और वो कहीं घूमने या मूवी देखने के  लिए बोले तो आपको अपनी काम के प्रति निष्ठां(Dedication towards work) को जाहिर करते हुए ना  कर देना सही फैसला होगा।

विनम्रता पूर्वक कैसे करे ना :

सबसे पहले स्वयं के प्रति ईमानदार बने और अपनी प्राथमिकताएँ तय करें :

आपको पता होना चाहिए कि आपके लिए क्या जरुरी है और क्या नहीं , आपको आपने हितों की रक्षा स्वयं करनी होगी , और जो अपनी respect करते है दूसरे भी उसी को सम्मान देते है।  आपको दूसरों से ज्यादा स्वयं को अहमियत देनी चाहिए और जब आप ऐसा सोचने लगते हो तो आपको ना कहने में मुश्किल भी नहीं होगी।

हमेशा ना कहना जरुरी नहीं पर अपनी प्राथमिकता को अहमियत देना बुरी बात नहीं।   आप दोस्त के साथ मस्ती करने की बजाय अपना काम पहले अपना कोई जरुरी काम करना जरुरी समझे तो कुछ बुरा नहीं पर हाँ अगर उसी दोस्त को किसी मुसीबत में आपकी जरुरत है तो आपकी प्राथमिकता उसकी मदद करना हो सकता है।

टाइम मैनेजमेंट कीजिये

सच मानिए ना कहना(Say No) इतना मुश्किल नहीं जितना शायद सोचते है , पर इसके लिए हमें एक नजरिया(Attitude) विकसित करना चाहिए की हम ना कहना है या ना कहना है यह सब कहने से पहले आप एक बार अपने मन में मंथन जरूर कीजिये। हम हमेशा अपने काम का हवाला देकर ना नहीं कह सकते हमेशा ऐसा करने से हमारी सोशल लाइफ पर प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए आपको अपने जीवन में टाइम मैनेजमेंट अपनाना चाहिए।

लोगो की भड़काने पर न भड़के :

अक्सर हम देखते है लोग पार्टियों में शादियों में कभी शराब पिने ये कुछ और के लिए उकसा सकते है ,आपको कुछ ऐसी बातें कह कर उकसा सकते है जैसे \”क्या यार तुम्हे बिल्कुल भी सोशल एटिकेट्स (Social Etiquette)  नहीं है। \” पर आपको अपने मूल्यों के साथ समझौता नहीं करना चाहिए।

 

http://acscareer.com/how-can-you-use-different-word-instead-of-no/

 

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