अगर आप किसी कंपनी को ज्वाइन कर रहे है तो आप को अपना जॉब ऑफर(Job Offer) लेटर चेक करने के बाद ही ज्वाइन करने के बारे में सोचना चाहिए। ऑफर लेटर में बहुत सी बातें विस्तार पूर्वक लिखी रहती हैं जैसे आप की आय, आप को मिलने वाला बेनिफिट , सैलरी का विभाजन , काम का समय , और दूसरे फायदे जैसे ओवरटाइम। अपना जॉब ऑफर लेटर स्वीकार करने से पहले ये
सभी बाते ध्यान में रखें :-
नई जॉब ज्वाइन करने का एक प्रमुख कारण आप की सैलरी ही होती है। इसी कारण ऑफर लेटर का सबसे अहम मुद्दा भी सैलरी ही होती है। आप को जॉब ऑफर लेटर में सैलरी से जुड़े सभी पक्ष अच्छी तरह चेक करने चाहिए जैसे आप के ग्रॉस सैलरी, आप को इन हैंड कितनी सैलरी मिलेगी और दूसरे इनकम के सोर्स क्या हैं जैसे वेरिएबल पे , बोनस इत्यादि। कुछ कम्पनियाँ बेहद आकर्षक देते हैं लेकिन इनमें जो जानकारी होती है वो पर्याप्त नहीं होती है इसलिए नौकरी स्वीकार करते समय थोड़ी सावधानी बरतें।
दुसरी ध्यान रखने वाली बात ऑफर लेटर में है आप की सैलरी कब बढ़ाई जाइए। ज़्यादातर यह ऑफर लेटर में नहीं लिखा होता है ऐसे HR से ज़रूर पता कर लें।
ओवरटाइम भी ऑफर लेटर का हिस्सा होता है। आप ओवरटाइम लगाने के लिए सक्षम हैं या नहीं, कम्पनियों में कुछ ऐसे पद होते हैं जो ओवरटाइम करने के लिए सक्षम नहीं होते हैं, अगर आप ओवरटाइम करने के लिए सक्षम हैं तो आप को इसका भुक्तान किस रूप में मिलेगा यह भी जान लें। भुक्तान में जुड़ेगा या आप को छुट्टी इत्यादि मिलेगी।
इन के अलावा भी कंपनी आप को जो भी भुक्तान करते हैं वो सब भी ऑफर लेटर में लिखा होना आवयश्क है जैसे आप का जीवन बीमा , प्रोविडेंट फण्ड , ESI का भुक्तान इत्यादि। अपने ऑफर लेटर को स्वीकार करने से पहले ये सब भी जांच लें।
इन सब के अलावा अपनी छुट्टियों का हिसाब भी जान लें। आप को कितने earned leave, sick leave और casual leave मिलेगे और अगर आप इन छुट्टियों को इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आप को क्या लाभ मिलता है।
इन सब बातों के अलावा आप की जॉब की जानकारी का होना तो लाज़मी है ही। आप किसको रिपोर्ट करेगे, आप की जॉब स्टेबल होगे या नहीं यहाँ भी ऑफर लेटर में आंकित होना चाहिए।
कुछ और पॉइंट्स भी हैं जिनकी जानकारी आप मांग सकते हो जैसे आपको वाहन की सुविधा मिलेगी या नहीं और क्या कंपनी माता-पिता बनाने पर छुट्टी देती हैं।
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