Stress Management : गीता से सीखिए मुश्किलों से लड़ने की कला

श्रीमद् भागवत गीता जिसे हम गीता के नाम से जानते है, यह केवल एक हिन्दू धर्म ग्रन्थ नहीं है बल्कि आज के लाइफ स्टाइल के stress को handle करने की guide भी  है | जब भे हम बाज़ार से कोई फ्रिज या दूसरा इक्ट्रोनिक आइटम लाते है तो उसके साथ हमें एक manual मिलता है , जिससे हम जान पते है कि उस इक्ट्रोनिक सामान को कैसे  उपयोग करना है उसी प्रकार गीता भी हमारे लिये जीवन जीने का manual है | चलिए कुछ बिन्दुओं पर प्रकाश डालते है और समझते है किस प्रकार आज से 5000 वर्ष पूर्व stress management और Positivity पर पहला lecture दिया गया |

  1. Don’t be Afraid :   हम सभी के लिए सबसे भयानक सत्य है ‘मर्त्यु’ | जिससे हम सभी डरते है जो कि स्वभाविक है | मर्त्यु के भय से व्यक्ति अपने आचरण के विरुद्ध कार्य करने के लिए भी तेयार हो जाता है, परन्तु गीता मैं कहा गया है, शरीर ही नाशवान है आत्मा तो अमर है जो शरीर की मर्त्यु के बाद दूसरा शरीर धारण करती है | इसका एक अर्थ यह भी हो सकता है कि बाहरी शरीर की सुंदरता  और ध्यान ना देकर, अपनी आत्मिक सुन्दरता को पहचानें |
  2. Don’t Worry : जब भी हम अपने कार्यो के रिजल्ट की चिंता में लग जाते है, हम अपना बेस्ट नहीं दे पाते, क्यूंकि आधा ध्यान तो रिजल्ट कि चिंता में लगा है, इसलिए सिर्फ अपना बेस्ट दीजिये रिजल्ट अगर पॉजिटिव आया तो बहुत ही अच्छा और अगर नेगेटिव आया तो भी आपने कुछ सीखा तो जरूर |
  3. Don’t be Greedy : एक वास्विकता ‘हम क्या लेकर आये थे और क्या लेकर जायेंगे’ हमारा सब कुछ पा लेने का लालच हमें छोटी छोटी खुशियों से दूर ले जाता है | यदि पडोसी ने लम्बी कार खरीद ली तो आप  भी ओवर टाइम शुरू कर देंगे | किसी से आपकी कहा सुनी हो गयी तो लो हो गया पूरा दिन ख़राब | अरे , जब कार , इज्जत सब रहना यहीं है तो क्यूँ इंतना stress लेना |
  4. Move On :कभी भी कुछ भी हमेशा के लिए नही होता | समय व परिस्थतियां बदलती है समाज बदलता है, तो हम भी क्यूँ किसी एक issue पर चिपके रहे | जैसे आज से करीब 50-100 वर्ष की कठिन रीतियों को सिर्फ इसलिए ढ़ोना क्यूंकि वो पुरानी है , समय के साथ बदल कर ही आप अपनी उपस्तिथि इस world व society के लिए logical बना सकते है |
  5. Whatever happened was good : कभी गौर किया है कि हमारा दिमाग या तो past के विषय मैं सोचता है या फिर future के विषय में, सोंचे | पॉजिटिव रहने का मूल मंत्र यही है “जो हुआ अच्छा हुआ , जो हो रहा है अच्छा हो रहा है और जो होगा वो भी अच्छा होगा |”

 

ये कुछ मुख्य बातें है गीता की जो आपके जीवन मैं कुछ बदल सकती है , बस आपको इन्हें आत्मसात करना है और इतना भी मुश्किल नहीं है , रोज़ एक गुण अपने भीतर लेन का प्रयास करें आपका जीवन जीना का नजरिया बदल जायेगा |

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