पढ़िए कड़ी मेहनत और लग्न से देश की टॉप 5th फार्मा कंपनी की कामयाबी का सफर

आज हम भारत की पांचवें नंबर की फार्मा कम्पनी Aurobindo Pharma के शुरू होने व कामयाबी के सफर के विषय में लिख रहें है , Aurobindo Pharma की शुरुआत Shri P.V. Ramaprasad Reddy and Shri K. Nityananda Reddy. द्वारा 1986 में हुई और 1988 -1989 में Aurobindo Pharma ने अपना काम करना शुरू कर दिया , शुरू में ये पांडिचेरी स्थित अपने यूनिट में Semi-Synthetic Penicillin (SSP) बनाते थे। शुरू में इसकी शुरुआत प्राइवेट लिमिटिड कंपनी के रूप में हुई , बाद में इसे 1992 में पब्लिक लिमिटिड बना दिया गया।

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Aurobindo Pharma limited अपने प्रोडक्ट Semi-Synthetic Penicillin (SSP) में मार्किट लीडर होने के साथ साथ अन्य दवाइयां जैसे neurosciences, cardiovascular, anti-retrovirals, anti-diabetics, gastroenterology और cephalosporins आदि के निर्माण में भी अच्छा योगदान रखती है। इसका लाभ और तरक्की का रिकॉर्ड भी बेमिसाल है। Ampicillin and Cloxacillin की मैन्युफैक्चरिंग में भी APL अग्रणी भूमिका निभा रही है। APL ने bulk drug के साथ साथ Formulation दवाओं को भी अपने आप विकसित किया है।

APL अपनी दवाइयां 125 देशो को निर्यात करता है और कंपनी की आय का 70 % भाग एक्सपोर्ट से ही आता है , 10 साल से भी कम समय में APL ने Bulk Drug के साथ साथ Formulation दवाओं के निर्माण में भी अच्छी पकड़ बना ली है , आज भारत के अलावा भी कई देशो में औरोबिन्दो फार्मा के मैन्युफैक्चरिंग इकाई है। आज APL को सभी बड़ी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं जैसे USFDA, EU GMP, UK MHRA, South Africa-MCC, Health Canada , Brazil ANVISA आदि से मान्यता प्राप्त है।

मार्किट कैपिटल के हिसाब से औरोबिन्दो फार्मा 42,454 करोड़(WIKI ) के मार्किट कैपिटल के हिसाब से देश की पांचवें नंबर की कंपनी है। मार्च 2015 के आंकड़ों के अनुसार APL में कुल 11500 कर्मचारी है। Aurox, Cedbrox, Tripcut, Cefactam, ProxtL, AxtL, Recipro, Diceta आदि कंपनी के मुख्य प्रोडक्ट के नाम है।

हम Aurobindo Pharma के सुनहरे भविष्य की मनोकामना करते है।

Source : www.aurobindo.com , Wikipedia

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