सक्सेस स्टोरी : देश की सबसे पहली आयुर्वेदिक दवा कंपनी की कामयाबी की कहानी

आज हम आपको भारत की सबसे पहली करीब 130 साल पुरानी कंपनी के बारे में बताने जा रहे हैं इस कंपनी का नाम पढ़ते ही आपके अंदर इसके बारे में और जानकारी पाने कीउत्सुकता बढ़ जाइए।आज हम जिस company के बारे में बात कर रहे हैं वह है Dabur , जो आज पिछले 130 से अधिक सालों से अपने गुणकारी products के चलते हर घर का हिस्सा बन गए है।
डाबर की स्थापना डॉ S K Burman ने 1884 में की थी।जान लें कि डॉ बर्मन कोई entrepreneur या कोई businessman नहीं बल्कि एक वैद थे।वे चाहते थे के देश के सभी गाँव स्वस्थ बने रहेऔर यही कारण था के वे गाँव के लोगों के लिए मुफ़्त दवा बनाया और दिया करते थे।

डॉ बर्मन कोलकाता के गांवों में मलेरिया और कॉलरा जैसी बीमारियों की दावा दिया करते थे और इसी के चलते लोग इन्हे “डाक्टर बर्मन” बुलाने लगे जो आगे चलकर इस कंपनी का नाम बना– डाबर
डॉ बर्मन ने यह काम बहुत छोटे पैमाने पर शुरू किया था उस समय शायद उन्हे भी यह पता नहीं था के एक दिन यह कंपनी भारत की पहचान बन जाएगी।

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डाबर आज केवल आयुर्वेदिक दवा बनाने वाली कंपनी बनकर नहीं रह गई है बल्कि आ जये देश की हर Daily Need के Products Manufacturing Company है।यही नहीं आज डाबर भारत के साथ साथ विदेशों में भी अपना नाम बना रही है।
यह आज Middle East , Africa, US, Europe और Russia में बेहद Popular है।यहाँ डाबर के products की बहुत मांग है।
लेकिन आज डाबर जहाँ है इसके पीछे किसी एक इंसान का नहीं बल्कि पूरे बर्मन परिवार का पूरा योगदान है।इस कार्य की शुरुवात चाहे S.K.Burman ने की पर इसकी कामयाबी के मील के पत्थर पर दूसरा नाम इन के बेटे C L Burman का है जिन्होंने 1919 में इस company की बागड़ोर संभाली और डाबर का पहला R&D unit शुरू किया इसके बाद 2 मैन्युफैक्चरिंग units लगाए जिसमें दावा बनाने की आधुनिक मशीनों को स्थापित किया।

ईस के बाद डाबर को C L Burman के बेटों Puran Chand और Ratan Chand ने आगे बढ़ाया। 1980 में इस business में Anand Burman जुड़े जिन्होने pharmaceutical division को प्रारम्भ किया वही इनके चचेरे भाई Amit Burman ने डाबर में एक नया unit जोड़ते हुए Real fruit juices की शुरुवात की।

आज डाबर भारत का चौथा सबसे बड़ा FMCG Group है।

यही नहीं डाबर environment sensitive herbs और medicinal plants के देखभाल और रख रखाव के लिए ततपर है साथ ही इन जड़ी बूटियों को कैसे इस्तेमाल करना है और क्या सावधानियां बरतनी हैं इस पर भी ट्रेनिंग programmes चलाता है।
इसी के साथ बर्मन परिवार sundesh नामक संस्था भी चलता हैजो सेहत और education को बढ़ावा देने के लिए कार्यरत है।
आज डाबर भारत में शुद्धता सेहत और आयुर्वेदिक औषधि का दूसरा नाम बन गया है।

डाबर कहता है Celebrate life (जिलो ज़िन्दगी)

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