सक्सेस स्टोरी : 3 रुपए किलो के भाव से बिकने वाला निरमा कैसे बन गया मार्किट लीडर

अकसर कामयाबी का सफर  जब शुरू होता है तो वो छोटा होता है , इसी तरह जब करसन भाई पटेल ने निरमा की शुरुआत की तो किसी ने भी नहीं सोचा था।

घर के आँगन से शुरू हुआ निरमा उद्योग 7000 करोड़ रुपए की कंपनी बन गयी।  जब करसन भाई पटेल ने निरमा बनाना शुरू किया तो उसे वो घर घर     जाकर  ३ रूपये किलो के भाव से बेचते थे  आइए जानते हैं इस कहानी के सबसे बड़ेऔर इकलौते किरदार के बारे में।

यह एक गुजराती किसान के बेटे के कहानी है जिसक chemical के बहुत आचि जानकारी थी और इसे लिए उसने अपनी पढ़ी खत्म होने के बाद अपने घर के पीछे एक छोटा सा कारखाना शुरू किया और तैयार किया आने वाले भारत का \”NIRMA \”.

हम बात कर रहे हैं Karsanbhai Patel की इन्होने अपने घर से Nirma detergent का उत्पादन शुरू किया।  इनकी कार्य प्रणाली बहुत साधारण थी, ये डिटर्जेंट बनाते और घर  घर जा कर बेचते। वो समय जब MNC का बिकने वाला detergent 13 Rs प्रति किलो मिलता था तब इन्होने अपना बनाया Nirma 3 Rs प्रति किलो के दाम पर बेचा इस guaranty के साथ के अगर काम ना बने तो पैसे वापस।

करसन भाई पटेल की सूझबूझ और रण नीति के चलते आज Nirma हर घर में मिलने वाला सबसे किफायती product  बनकर उभरा है। काम बढ़ा और बढ़ी production  पर अभी तक market छोटी थी और market  को बढ़ाने के लिए ज़रूरत थी घर घर पहुचने की।  इसके लिए करसन भाई ने salesman hire  किए पर बात नहीं बानी।  salesman को सामान retailers को बेचना मुश्किल हो गय।  बड़े बड़े MNC  के products  के सामने इस product के तरफ किसी ने  ध्यान नहीं दिया। दुकानदार उधार में माल खरीदना चाहते थे और जब सेलमेन मार्किट में पेमेंट लेने जाते तो जवाब मिलता माल नहीं बिक रहा  \”माल वापिस उठा लो \”

ये सब देखते हुए करसन भाई ने एक साहसी फैसला लिया और अगले ही दिन मार्किट सारा वाशिंग पाउडर या पैसे जो भी मिला उठवा लिया। और एक उन्होंने क्रांति कारी फैसला लेते हुए  media  का सहारा लिया और सारा ध्यान निरमा वाशिंग पाउडर के प्रचार का फैलसा लिया ,   पर हर तरफ एक स्लोगन ने तहलका मचा दिया स्लोगन था \” निरमा  वाशिंग पाउडर निरमा .. दूध सी सफेदी निरमा से आए रंगीन कपडा भी खिल खिल जाए….. \”

और पूरे 1 महीने तक बाजार में कोई सामन नहीं  उतरा  अचानक लोगो में इस product की demand इतनी बढ़ गई के retail और shopkeepers परेशान हो गए  उसके बाद निरमा वाशिंग पाउडर को कैश में बेचा गया ,  वह एक दिन था और आज का दिन है हर घर में Nirma मिलता ही मिलता है।

Nirma और Karsan bhai patel दोनों आज उस ऊंचाई पर हैं जहाँ पहुंचना हर  व्यापारी और manufacturer का सपना बन गया है।

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