जॉब का विवरण(Job Description) यानि \”जे. डी.\” क्या होती है। कैसे करें \”जे. डी.\” विश्लेषण

इंटरव्यू की तैयारी में जॉब डिटेल्स (Job Description)  यानि \”जे. डी.\” का अहम रोल होता है। इंटरव्यू कैसा होगा या उस जॉब की अपने कैंडिडेट्स से क्या उमीदे है सब \”जे. डी.\”ही बताती है। कैसे करें खुद को \”जे. डी.\” के अनुरूप तैयार ये बड़ा सवाल है

जब भी हमें जॉब के लिए कॉल रिसीव होता है तो हम अपनी जानकारी के लिए सामने वाले से कुछ आम सवाल पूछते  है , जैसे किस कंपनी में जॉब है?  जॉब की लोकेशन क्या है ? , और किस रोल के लिए जॉब है ?  तो इन सब सवालो के बदले में रिक्रूटर हमें एक \”जे डी \” भेज देते है।  इसमें आपको कंपनी  लोकेशन और डेसिग्नेशन के बारे में तो पता चल जाता है पर बहुराष्ट्रीय  कंपनी (M N C )  में कुछ विशेष प्रकार की भाषा का प्रयोग होता है जिसे हम कॉर्पोरेट लैंग्वेज भी बोलते है। ऐसी भाषा को समझने में कई बार हमे दिक्कते आती है

आइये जानते है की इस प्रकार की भाषा में लिखे गए जॉब डिस्क्रिप्शन को कैसे पढ़े और कैसे समझे की कंपनी अपने कैंडिडेट से क्या काम करवाना चाहती है।

क्या होता है जॉब डिस्क्रिप्शन \”जे. डी.\” :

जॉब के विषय में दिया पूरा विवरण जिसमे डेसिग्नेशन , रिपोर्टिंग , स्किल और  जिम्मेदारियों आदि के विषय में पूरी जानकारी दी गयी होती है।  जिससे कैंडिडेट को पता चलता है की कम्पनी अपने एम्प्लोय में क्या खूबियां चाहती है।

क्यों आवश्यक है \”जे. डी.\” :

\”जे. डी.\”  का इस्तेमाल आजकल सभी कंपनी करने लगी है , क्योंकि इससे वो अपने कैंडिडेट को जॉब के विषय में सभी जानकारियां उपलब्ध करवा देती है।  जिससे सिर्फ वही कैंडिडेट अप्लाई करते है जो उस जॉब के अनुरूप होते है। इससे कैंडिडेट और कंपनी दोनों के समय की बचत होती है।

जॉब विवरण (\”जे. डी.\” ) को कैसे समझे :

किसी जॉब को समझने के लिए उसकी आवश्यकताओं को समझने से पहले आपको खुद की जरुरतो का पता होना चाहिए , आपको पता  होना चाहिए की आप जो नयी जॉब ढूंढ रहें है उसमे आप किस प्रकार का प्रोफाइल चाहते है , क्योकिं आपकी संतुष्टि सबसे  महत्वपूर्ण है।

जे. डी.\”  का विश्लेषण

अब इसके बाद अगला कदम है \”जे. डी.\”  का विश्लेषण  . विश्लेषण के लिए सबसे पहले आप \”जे. डी.\”  का प्रिंट ले ले और जो जो चीज़े आपको उसमे समझ आ रही है  हाईलाइट करें , और उनमे से जो भी आपको सूट कर रही है वो भी हाईलाइट करें। और जो तकनिकी शब्द उसमे दिए गयें है उन्हें भी इंटरनेट की सहायता से समझने की कोशिश करें। अक्सर कॉर्पोरेट्स में कुछ शब्दों का काफी प्रयोग होता है , जैसे प्रोजेक्ट ,टारगेट , बिज़नेस  आदि पर इनके मतलब

उनके अपने अनुसार होता है।  अगर आप \”जे. डी.\”  और आसान तरीके से नही समझ  पा रहे तो आप रिक्रूटर से कुछ विशेष शब्दों के अर्थ भी पूछ सकते है।

कंपनी के विषय में जाँच  :

\”जे. डी.\”  की समझने से पहले आपको उस कंपनी के बारे में जानना चाहिए जिस कंपनी ने वह जॉब ऑफर की है।  आपको कंपनी का बैकग्राउंड , उसका टर्नओवर  , उसकी सर्टिफिकेशन्स इत्यादि बाते जान लेनी चाहिए और कंपनी के अंदर वर्क कल्चर कैसा है ये भी जानना आवश्यक है। इसके लिए आप अपने पर्सनल नेटवर्क का सहारा ले सकते है।

शिक्षा सम्बन्धी आवश्यकता  :

हर कंपनी अपनी \”जे. डी.\”  में  वांछित कैंडिडेट की शिक्षा के बारे में जरूर लिखती है , तो आपको चेक करना चाहिए की आप शैक्षिक योग्यता कंपनी की डिमांड के अनुरूप है या नहीं। अगर उसमे कुछ  छूट दी गयी है तो आप रिक्रूटर से इस बारे में जरूर बात करें की आप की शैक्षिक योग्यता इस जॉब के अनुरूप है या नहीं।

आवश्यक अनुभव :

अक्सर कंपनी अनुभव में लिखते है की उन्हें इतने वर्ष से लेकर इतने वर्ष से बीच का कैंडिडेट चाहिए   , पर इसे भी अच्छे से समझना चाहिए  , की कंपनी एक विशेष प्रोफाइल या पद पर कितना अनुभव चाहती है।  जैसे आपके पुरे 5 साल के अनुभव में आपको अमुक स्किल का कितना अनुभव चाहिए।

जॉब की लोकेशन :

जॉब की लोकेशन बहुत महत्वपूर्ण है  , अगर जॉब आपकी लोकेशन में है तो ठीक है , पर अगर जॉब के लिए आपको बाहर जाना पड़ेगा तो आपको उस स्थान की कितनी जानकारी है वहां  सुविधाये है या नहीं , आप उस माहोल में स्थापित हो पाओगे भी या नहीं

रिपोर्टिंग :

रिपोर्टिंग भी एक महत्वपूर्ण बिंदु है , क्योकि हर संस्थान का अपना hirarcy  सिस्टम होता है , और डेसिग्नेशन भी अलग अलग होते है , तो आपको सिस्टम को  समझने के लिए पता होना चाहिए की आप रिपोर्ट किसको ( किस डेसिग्नेशन के व्यक्ति ) करोगे

सैलरी रेंज : 

अक्सर \”जे. डी.\”  में सैलरी को नेगोशिएबल  लिखा जाता है , पर कंपनी का अपना एक बजट होता है और उन्हें उसी बजट में कैंडिडेट रिक्रूट करना होता है , तो आपको रिक्रूटर से कंपनी की संभावित सैलरी रेंज जरूर पूछनी चाहिए।

वंचित योग्यता : 

\”जे. डी.\”  में कंपनी अपने कैंडिडेट से किसी विशेष सर्टिफिकेशन या कोर्स या किसी विशेष तकनीक की मांग कर सकती है , आपको उनके बारे में भी जरूर समझना चाहिए।

आशा है आप अगली बार किसी भी \”जे. डी.\” का निरिक्षण करते वक़्त इन मुख्य बिन्दुओं का ध्यान अवश्य रखेंगे

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