वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) पर राजनीतिक गतिरोध थमता सा नज़र आ रहा है | कुछ संशोधनों के बाद विपक्षी दल अब इस बिल के समर्थन में आ गए है इससे लगने लगा है कि देश भर में GST लागू करने की राह अब आसान हो जायेगी | जानकारों के अनुसार यह बिल इस दशक का सबसे बड़ा आर्थिक सुधार होगा | इस बिल के लागू होने के बाद न केवल आम आदमी के लिए tax भरना आसान हो जायेगा बल्कि इससे भारतीय अर्थव्यस्था की रफ़्तार भी बड़ेगी | इस बिल का ज़िक्र वर्ष 2006-07 के आम बजट में पहली बार किया गया था | तब से आज तक यह बिल चर्चा का विषय बना हुआ है लेकिन फिर भी बहुत कम लोग इससे होने वाले बदलावों से परिचित होंगे | आइये जानते है कि क्या है GST बिल ? क्यूँ इतने सालों तक संसद में यह अटका रहा और क्या असर होगा इस बिल के लागू होने पर |
GST है क्या :- GST यानी goods and services tax , यह एक अप्रत्यक्ष कर है जो वस्तुओ व सेवाओं दोनों पर समान रूप से लगेगा | यानी इस बिल के लागू होने पर वैट ,एक्साइज और सर्विस tax की जगह सिर्फ एक ही टैक्स लगेगा |
GST के फायदें :- इस बिल के लागू होने का सबसे ज्यादा फायदा आम आदमी होगा | GST लागू होने के बाद किसी भी सामान की कीमत पूरे देश में एक समान होगी | ऐसा इसलिए हो पायेगा क्यूंकि आपको राज्य में एक सा tex लगेगा | आपको अगर कोई वाहन लेना है तो उसकी कीमत उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में सामान होगी जो कि फिलहाल एक समान नहीं है क्यूंकि दोनों राज्यों में tax की दरें अलग अलग है |
वस्तुओं की कीमतों में कमी :- अभी हम जो सामान खरीदते है उस पर हमें 30-35 प्रतिशत कर देना पड़ता है ,ऐसे संभावना है कि इस बिल के लागू होने की सूरत में यह कर घटकर 20-25 प्रतिशत हो जायेगा , जिसका सीधा फायदा आम आदमी को मिलेगा | इसके अतिरिक्त राज्यों द्वारा लगाये गए लग्जरी tax , एंट्री tax , मनोरंजन कर जैसे tax भी खत्म हो जायेंगे | इस कर के लागू होने पर कच्चा माल व्यापारियों को सस्ते में मिलेगा , सामान को एक जगह से दूसरी जगह पर लाने ले जाने का व्यय कम होगा और इससे सामन की कीमतों में गिरावट आयेगी |
कर विवादों में कमी :- GST के लागू होने के बाद tax प्रोसेस को पारदर्शी बनेगा, जिससे tax विवाद कम होंगे | इतना ही नहीं आम आदमी और विशेषकर व्यापारियों को बार बार अलग अलग tax भरने से छुटकारा मिल जायेगा |
क्या थी रुकावटें :- GST के फायदों के विषय में आप लोगो को जानकारी हो ही गयी है , अब प्रश्न यह है कि आखिर इतने सालों से यह बिल क्यूँ रुका हुआ है ? इसका कारण यह है कि इस बिल के लागू होने से राज्य केन्द्रीय बिक्री कर खत्म हो जायेगा जिस्सका सीधा प्रभाव राज्य सरकारों को राजस्व हानि के रूप में उठाना पड़ेगा | इसके अतिरिक्त इसका सबसे बड़ा विरोध पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाए जाने वाले tax को लेकर था | वर्तमान में राज्यों का 50 प्रतिशत राजस्व इन्ही उत्पादों के कारण आता है |
कैसे दूर हुई ये अडचने :- राज्यों के राजस्व की चिंता को समझते हुए केंद्र ने पेट्रोलियम उत्पादों को GST में शामिल तो किया है लेकिन अगले तीन सालों तक केंद्र इस पर tex नहीं वसूलेगा | इसके अलावा राज्य केन्द्रीय बिक्री कर ख़तम होने से होने वाले नुक्सान की भरपाई केंद्र राज्यों को इस वित्त वर्ष में 11000 करोड़ रुपए देकर करेगा व अल्कोहल तथा तम्बाकू पर लगे tax की वसूली राज्य ही करेंगे |
संक्षेप में इस बिल का सीधा लाभ आम आदमी को मिलने वाला है , उम्मीद है जल्दी ही दोनों सदनों की मंजूरी कि साथ यह बिल लागु हो जायेगा | अगर आप इस विषय में और कुछ जानना कहते है तो comment बॉक्स में लिखें |