सप्ताह भर काम करकर जब रविवार आता है तो उसका अपना ही मजा है पर जब सप्ताह में 1 नहीं 2 छुटियाँ हो तो कहना ही क्या दुनिया के बहुत से देशों में सप्ताह में 5 दिन काम करने का चलन है , दुनिया ही नहीं भारत में भी बहुत सी कम्पनिया अपने यहाँ शनिवार और रविवार को अवकाश रखती है .
सप्ताह में पांच दिन काम करने की प्रथा की शुरुआत अमेरिका से हुई , सन 1936 में हेनरी फोर्ड ने की उन्होंने अपने कर्मचारियों को सप्ताह में दो दिन का अवकाश देने का निर्णय लिया . इसके पश्चात 1938 में अमेरिका में Amalgamated Clothing Workers of America Union ने सप्ताह में 5 दिन काम करने की मांग उठाई और वो इस मांग को मनवाने में भी कामयाब भी रहे . और इसके पश्चात धीरे धीरे पूरे संयुक्त राज्य अमेरिका में यह चलन बढ़ने लगा , पर 1940 में जब 1938 Fair Labor Standards Act में सुधार किया गया , उस प्रावधान के तहत सप्ताह में 40 घंटे काम करने को मान्यता दी गयी . इसके पश्चात सप्ताह में 2 साप्ताहिक अवकाश करना जरुरी कर दिया गया .
1940 से 1960 के दशक आते आते बहुत सारे देशों ने अपने यहाँ भी सप्ताह में पांच दिन काम करने को मान्यता देनी शुरू कर दी , उन्होंने या तो शनिवार और रविवार या फिर शुक्रवार या शनिवार को साप्ताहिक अवकाश रखना शुरू कर दिया ,
भारत में अभी भी सप्ताह में 48 घंटे काम करने का प्रावधान है , जो कंपनी अपने यहाँ सप्ताह में पांच दिन काम करना चाहती है वो तो 45 घंटे से ज्यादा काम नहीं करवा सकते .