एक समय था जब लोग नौकरी (Job) की बात करते थे तो सिर्फ सरकारी नौकरी को ही नौकरी का दर्जा देते थे आज जमाना बड़ी तेजी से बदला है। उदारीकरण के इस युग में लोगो के सामने बहुत सारे विकल्प भी है , बहुत बड़ी बड़ी बहुराष्ट्रीय व् भारतीय कंपनियों में जॉब के हजारों अवसर मौजूद है , और इन कंपनीयों के सैलरी पैकेज भी सरकारी नौकरी में मिलने वाले पैकेज से बहुत बेहतर है , और वो सभी बल्कि ज्यादा ही सुविधाएं आजकल PRIVATE SECTOR की कंपनियों द्वारा दी जाती है। पर फिर भी क्या कारण है देश का एक बहुत बड़ा वर्ग सरकारी नौकरी को प्राइवेट सेक्टर की जॉब से बेहतर मानता है।
हम भारतीय लोग जब करियर के चुनाव की बारी आती है तो बहुमुखी प्रतिभा होने के बावजूद अक्सर सरकारी नौकरी को ही अपने करियर विकल्प के रूप में चुनते है। मैंने अक्सर लोगो को इंजीनियरिंग की डिग्री को अच्छे मार्क्स से पास करने के बाद सरकारी नौकरी जैसे बैंक , रेलवे , केंद्रीय सरकार की जॉब या अन्य सरकारी जॉब्स के लिए संघर्ष करते देखा है। उनकी जॉब सर्च सरकारी नौकरी पर आकर रुक जाती है। बहुत सारे DRAWBACK होने के बावजूद लोग एक ही दिशा में कोशिश करते रहते है जैसे :
- सरकारी नौकरी में जॉब सिक्योरिटी है जॉब से निकाले जाने का खतरा नहीं।
- सरकारी नौकरी करने वाले को समाज में एक अलग दर्जा प्राप्त होता है।
- सरकारी नौकरी की तैयारी में परिवार का भी भरपूर सहयोग मिलता है, जब माता पिता से पूछा जाता है कि आपका बच्चा क्या कर रहा है तो वे किसी स्टार्ट अप या कुछ और कहने के बजाय सरकारी नौकरी की कोशिश कर रहा है कहना ज्यादा बेहतर समझते है ।
- हमारे समाज में सरकारी नौकरी के प्रयास का ही चलन है जिससे लोग बड़े रिस्क नहीं उठाना चाहते वे उसी भेड़चाल का हिस्सा बनें रहते है , एक मान्यता भी है सरकारी नौकरी वालों को शादी के ज्यादा बेहतर प्रपोजल मिलते है।
- कुछ सरकारी नौकरियां जैसे सेना , विज्ञानं व प्रौद्योगिकी या रिसर्च वर्क जैसे कुछ महत्वपूर्ण विभाग है जिनके लिए लोगो में जूनून होता है , तो लोग अपने इस जूनून के चलते भी सरकारी नौकरी की और आकर्षित होते है।
इन सभी कारणों को पढ़ने के बाद शायद सभी को ऐसा लगता होगा की अगर कोई सरकारी नौकरी के लिए कोशिश करता भी है तो बुराई क्या है ?जी कोई बुराई नहीं है , पर सिक्के के दो पहलु होते है , हमे सिक्के के दूसरे पहलु को भी देखना जरुरी है।
- लोग ग्रेजुएशन के बाद से अपने सरकारी एक्साम्स की तयारी शुरू कर देते है , वे एक एक एग्जाम के लिए छह महीने तक इंतज़ार में अपना वक़्त भी लगाते है ,और जरुरी नहीं सभी को सरकारी नौकरी ही मिलें। नौकरियाँ सिमित है और आवेदन करने वाले असीमित।
- एक आई टी इंजीनियर सिविल सेवा या अन्य जॉब के लिए इसलिए आवेदन करता है क्योंकि उनसे सुना होता है ये सेक्टर एक दिन डूब जायेगा।
- एक ही लीक पर जॉब करने की वजह से लोग कुछ नया या आविष्कारी करने की कोशिश ही नहीं करते वे तो बस एक ही लीक पर चलते है जिसमे उन्हें
- रिस्क उठाने का खतरा नहीं लेना चाहते है।
- सरकारी नौकरी में काम पूरा न भी हो तो भी जॉब सुरक्षित है कोई निकाल नहीं सकता , पर ऐसा करने से आपकी कार्य क्षमता कितनी प्रभावित होती है शायद किसी ने ऐसा कभी नहीं सोचा होगा।
अभी तक आपने सरकारी नौकरी को विकल्प के रूप में चुनने के फायदे व नुक्सान दोनों पढ़े , इस आर्टिकल में हमारा प्रयास सिर्फ इतना बताने का है कि लाखो लोग सरकारी नौकरियों के लिए अप्लाई करते है उनमे से कुछ प्रतिशत लोग ही लक्ष्य को प्राप्त कर पाते है , हम सभी में कोई न कोई खूबी रहती है , हम अपनी खूबी को दरकिनार करके सिर्फ असुरक्षा की भावना से प्रेरित होकर सरकारी नौकरी के पीछे ही पड जाते है , जिन्हे मिली वो कही न कहीं संतुष्ट हो सकते है पर जिन्हे नहीं मिली वो लोग अपने जीवन का बहुत बड़ा भाग सरकारी नौकरी के पीछे भागने में गंवा देते है। आपको अपने जीवन में सभी विकल्प खुले रखने चाहिए , अच्छी प्राइवेट जॉब भी सरकारी जॉब से ज्यादा पैसा और ग्लेमर दे सकती है , तो आपको अपनी शिक्षा के अनुरूप ही करियर चुनना चाहिए और सरकारी नौकरी अगर आपका सपना है तो भी आपको अपने करियर के साथ खिलवाड़ न करते हुए अपनी प्राइवेट जॉब के साथ कोशिश करनी चाहिए।
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